टीम इंडिया के क्रिकेटर ऋषभ पंत आज एक भीषण हादसे में बाल-बाल बच गए। शुक्रवार तड़के करीब 5:18 बजे दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर उनकी लक्जरी कार ने सड़क के डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली थी। गंभीर रूप से घायल हुए ऋषभ पंत को पहले रुड़की में सक्षम अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऋषभ पंत को ईश्वर ने दोबारा जन्म दिया है।

हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि 25 वर्ष के पंत को सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। उन्होंने कहा कि पंत को झपकी आ गई थी और उनकी कार ने डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली। वहां से गुजर रही हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर और बाकी स्टाफ ने उसे जलती हुई कार में से बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि हादसे में कार पूरी तरह से खाक हो गई।

हरियाणा रोडवेज के पानीपत डिपो के ड्राइवर सुशील मान ने बताया, एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत कार से आधे बाहर लटके थे, उन्हें निकाला और थोड़ी देर में कार में आग लग गई। क्रिकेटर ऋषभ पंत भीषण सड़क हादसे में घायल हो गए हैं। उनको सबसे पहले देखने और बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के पानीपत डिपो के ड्राइवर सुशील मान ने सबसे पहले पुलिस को जानकारी दी थी। सुशील मान ने ऋषभ पंत को कार से निकालकर एंबुलेस में बिठाया था। उस वक्त सुशील बस लेकर हरिद्वार से दिल्ली आ रहे थे। उनके सामने ही यह हादसा हुआ था।

सुशील मान ने मीडिया को बताया कि, मैं हरिद्वार से 4:25 बजे चला था। मैंने रास्ते में देखा कि एक गाड़ी पलटते हुए आ रही है। कार डिवाइडर को तोड़कर दूसरी साइड में बस के आगे आ गई थी। मैंने गाड़ी थोड़ी सी मोड़ी। फिर डिवाइडर से टकराकर गाड़ी रुक गई। फिर मैंने बस के ब्रेक लगाए।

सुशील ने बताया कि, हादसे के के बाद मैं बस से कूदकर गाड़ी की तरफ भागा। उस दौरान वह (ऋषभ पंत) आधे नीचे और आधे गाड़ी में थे। फिर हमने उसे कार से निकालकर बाहर लिटा दिया था। हमें लगा कि उनकी मौत हो गई। इसके बाद हमने कार को देखा कि उसमें कोई और तो नहीं है। फिर अचानक वे खड़े हो गए। फिर उन्होंने बताया कि मैं खुद ही ड्राइव कर रहा था। फिर उसने बताया कि वह क्रिकेटर हैं। उसी दौरान कार में आग लग गई थी।

उन्होंने बताया कि, मैंने हाइवे को कॉल किया, उन्होंने कुछ नहीं किया। फिर मैंने पुलिस को कॉल किया। 15-20 मिनट के बाद एंबुलेंस पहुंची। फिर उन्होंने कहा कि मेरी मां को फोन कर दीजिए। उनकी मां का नंबर स्विच ऑफ था। एक यात्री से लेकर उनको चादर लपेटी। फिर उन्हें पानी पिलाया। फिर उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया।

सुशील ने बताया कि, उनकी कार में एक बैग था। उस बैग को हमने एंबुलेंस में रखाव दिया था। उनके पास 5-6 हजार रुपये थे, जो उनके हाथ में रख दिए थे। गाड़ी पूरी जल चुकी थी। सड़क पर पूरा सामान बिखरा हुआ था। यह हादसा 5:18-19 मिनट पर हुआ था, 5:22 बजे मैंने पुलिस को कॉल कर दिया था।

ऋषभ पंत को सिर, पीठ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है। उन्हें इलाज के लिए रुड़की से देहरादून ले जाया गया है। यहां के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें दिल्ली एयरलिफ्ट किया जाएगा।

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंत के एक्सीडेंट पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा- जाने माने क्रिकेटर ऋषभ पंत के हादसे में घायल होने से व्यथित हूं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषभ पंत के घायल होने पर दुःख जताया है। बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा, पंत के माथे पर दो चोटें आईं हैं। घुटने का लिगामेंट टूटा है। दाहिनी कलाई और एड़ी में भी चोट पहुंची हैं। एमआरआई के बाद उनकी चोट की गंभीरता का पता चल सकेगा। हम लगातार मेडिकल टीम और उनकी फैमिली के संपर्क में हैं। इस मुश्किल समय में हम पंत को हरसंभव मेडिकल ट्रीटमेंट और मदद देंगे।