Cloudburst in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से भारी तबाही हुई है। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात को 11 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं घटी हैं। जबकि अचानक बाढ की चार और बड़े भूस्खलन की एक घटना हुई। अचानक आई बाढ के बाद पिछले 24 घंटे से अधिक समय से 34 लोग लापता हैं। लापता लोगों का पता लगाने के लिए बचाव कर्मयिों ने बुधवार को दूसरे दिन तलाशी अभियान फिर से शुरू किया। सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ है।

मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। गोहर और सदर उपमंडल में भी भूस्खलन और जलभराव की कई घटनाएं सामने आई हैं। मंडी जिले के गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर में 7 जगहों पर बादल फटने से कई मकान जमींदोज हो गए हैं। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। पिछले 24 घंटे से अधिक समय से जारी आपदा के बाद लापता लोगों के बचने की संभावना कम होती जा रही है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ सकती है। अब तक चंबा जिले से तीन, हमीरपुर जिले से 51 और मंडी जिले से 316 लोगों को बचाया गया है।

राज्य में 400 से ज्यादा सड़कें बंद

सोमवार शाम से मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने बुधवार को तीन जिलों कांगड़ा, सोलन व सिरमौर और शनिवार को चार जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं। मंडी में 994 ‘ट्रांसफार्मर’ पर भी इसका असर पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं तथा मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।

एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को बचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं। मंडी जिले के गोहर में चार, करसोग में तीन, धरमपुर में दो और थुनाग में एक स्थान पर बादल फटने घटना हुई। बाड़ा में दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई। करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि जोंिगदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान होने के कारण कई लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो-दो टीम पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर जिले में खोज और बचाव अभियान में लगी हुई हैं। जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं और ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से डेढ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान 2,922 फुट के मुकाबले 2,941 फुट तक पहुंच गया है।

500 करोड़ का नुकसान

मुख्यमंत्री सुखंिवदरंिसह सुक्खू ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चंडीगढ-मनाली चार लेन मार्ग वर्तमान में द्वाडा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध है।

आज भी भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछेक इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसी तरह से 4 जुलाई को ऊना में भारी बारिश बताई गई है। कांगड़ा में भारी बारिश तो वहीं मंडी, शिमला के भी कुछ इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया है। पांच जुलाई को भी भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसमें ऊना, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, इन चार जिलों में अत्यधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है जबकि बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। 6 जुलाई को भी कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश होने का अलर्ट है।