DJ loud sound took grooms life

शादी समारोह या अन्य कार्यक्रमों में बहुत तेज आवाज में डीजे बजाने का चलन है। तेज आवाज स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। ऐसा ही एक मामला बिहार के सीतामढ़ी में शादी समारोह के दौरान हुआ। डीजे की आवाज ने दूल्हे की जान ले ली। जिसके बाद शादी समारोह में मातम छा गया। सीतामढ़ी जिले में जयमाला के दौरान दूल्हा स्टेज पर ही बेहोश हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान दूल्हे की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि शादी में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। इसी वजह से दूल्हे की तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हार्ट अटैक आने की वजह से हुई है। दूल्हे ने कई बार डीजे को दूर ले जाने के लिए कहा, लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि जयमाला के बाद दूल्हा और दुल्हन अपने रिश्तेदार, परिवार और दोस्तों के साथ फोटो खिंचवा रहे थे। इसी दौरान अचानक दूल्हा बेहोश होकर गिर पड़ा। उसके गिरते ही अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। दूल्हे की तरफ से आए लोग बिना खाना खाए लौट गए। मृतक दूल्हे की पहचान परिहार प्रखंड की धनहा पंचायत के मनिथर के रहने वाले स्वर्गीय गुदर राय के पुत्र सुरेंद्र कुमार के रूप में की गई है।

उल्लेखनीय है कि यहां डीजे पर प्रतिबंध है फिर भी तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति 50 डेसीबल तक की ध्वनि को सहन कर सकता है, डीजे की ध्वनि की तीव्रता 500 डेसीबल तक होती है। इससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि डीजे हमारे लिए किस कद्र खतरनाक है। डीजे की तेज ध्वनि से आदमी का शरीर तक कांप उठता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि हमारे घर में दिन के समय अधिकतम 25 से 30 और रात्रि में 20 से 25 डेसीबल तक ध्वनि होनी चाहिए। वाहनों के प्रेशर हॉर्न और मशीनों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण की तीव्रता बढ़ जाती है।

डीजे की तीव्र ध्वनि के पास खड़े रहना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिल के मरीजों, कमजोर दिल वाले लोगों को डीजे से दूर ही रहना चाहिए। डीजे की बेहद ऊंची ध्वनि मस्तिष्क में तनाव पैदा करती है। इससे चिड़चिड़ापन और रक्तचाप बढ़ जाता है। तीव्र ध्वनि से प्रजनन क्षमता घट जाती है। गर्भपात की शिकायत और मानसिक तौर पर विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है। डीजे की ऊंची आवाज के कारण बहरेपन का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। वहीं पटाखों से होने वाले शोर भी हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।

शादी समारोह में द्वारचार के दौरान आतिशबाजी भी कम खतरनाक नहीं है। ध्वनि वाला आतिशबाजी 117 डेसिवल तक आवाज करता है। आवाज से भी अधिक वायु प्रदूषण पैदा करता है जो कई रोगों का पोषक है। इससे निकलने वाले कई प्रकार के रसायन का उत्सर्जन होता है। ये रसायन फेफड़े के साथ उच्च रक्तचाप व आंखों के लिए काफी नुकसानदायक है।