श्रीराम भारतीय कला केंद्र की ओर से आयोजित एक समारोह में, इस वर्ष के लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए ‘सुमित्रा चरत राम अवॉर्ड’ से कथक की दिग्गज कलाकार, पद्म भूषण डॉ. उमा शर्मा को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. कर्ण सिंह ने गुरुवार को उनको यह सम्मान दिया। यह कार्यक्रम कमानी ऑडिटोरियम, कॉपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली में गेस्ट ऑफ ऑनर, उस्ताद अमजद अली खान (पद्म विभूषण) की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
श्रीराम भारतीय कला केंद्र ने लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए यह पुरस्कार देने की शुरुआत 2010 में की थी। इसका उद्देश्य श्रीमति सुमित्रा चरत राम (1914-2011) द्वारा स्वतंत्रता के बाद के भारत में सांस्कृतिक पुनरुद्धार के अग्रदूत के रूप में दिए गए विशाल योगदान का सम्मान करना था। 14 अगस्त, 1947 की रात जब देश सुबह आज़ाद भारत के रूप में जागने का इंतजार कर रहा था, सुमित्राजी ने इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने के लिए भारतीय संगीत और नृत्य के दिग्गजों के साथ संगीत रात्रि संगोष्ठी का आयोजन किया।
दिग्गजों की उपस्थिति से सजी और उच्च सांस्कृतिक विशिष्टता से समृद्ध इस कार्यक्रम में, श्रीराम भारतीय कला केंद्र की ध्वजवाहक शोभा दीपक सिंह ने कला के पारखी लोगों का स्वागत किया। अपनी मां की विरासत को अपने मजबूत कंधों पर लेकर आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा, “डॉ. उमा शर्मा एक प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना हैं जिन्हें इस देश की सांस्कृतिक परंपरा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। उन्होंने “कथक” के शास्त्रीय रूप में क्रांतिकारी बदलाव किया। प्राचीन से आधुनिक समय तक हमारे देश के महान कवियों के कार्यों को चित्रित और व्याख्या करके साहित्यिक और बौद्धिक प्रभाव के साथ कला को समृद्ध किया। इस कला रूप के परिवर्तन की अगुवाई में, उमा शर्मा देश में इससे जुड़ी घटनाओं के केंद्र में रही हैं। हम डॉ. उमा शर्मा को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करते हुए बहुत गर्व और सम्मानित महसूस कर रहे हैं।”
पुरस्कार से अभिभूत डॉ. उमा शर्मा ने कहा, “मैं अपने पहले प्रेम, कथक के क्षेत्र में अपने प्रयासों के लिए पहचाने जाने पर सम्मानित महसूस कर रही हूं। इस तरह के नृत्य के लिए मेरा जुनून ही है जिसने मुझे इसे पीढ़ियों तक ले जाने और इसे विकसित करने में मदद की है। लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सुमित्रा चरत राम पुरस्कार प्राप्त करना आज मेरे विश्वास को और भारत में कथक के उज्ज्वल भविष्य में मेरे विश्वास की पुष्टि करता है।”
उन्होंने कार्यक्रम के अंत में एक खूबसूरत प्रस्तुति के जरिए अपने दिल का हाल बयां किया। पिछले 11 वर्षों से भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य के क्षेत्र में स्थायी योगदान देने वाले प्रख्यात कलाकारों को सम्मानित करने के लिए सुमित्रा चरत राम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया जाता रहा है।
पहला पुरस्कार कथक नृत्य के अग्रणी, पंडित बिरजू महाराज को दिया गया था। इसके बाद किशोरी अमोनकर (हिंदुस्तानी गायन संगीत), श्री मायाधर राउत (ओडिसी नृत्य), श्रीमती कुमुदिनी लाखिया (कथक नृत्य), पं. जसराज (हिंदुस्तानी गायन संगीत), पं. हरिप्रसाद चौरसिया (हिंदुस्तानी वाद्य संगीत, बांसुरी), श्रीमती गिरिजा देवी (हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, गायन), उस्ताद अमजद अली खान (हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, सरोद) और अंत में डॉ. सोनल मानसिंह (भारतीय शास्त्रीय नृत्य गुरु, प्रेरक वक्ता) को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।