shiv sena-symbol freeze

मुंबई के अंधेरी (ई) उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए बड़ा झटका लगा है। अब उन्हें अलग चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ना होगा। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे  गुट को आयोग के इस फैसले के बाद जरूर राहत मिली है।

चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। जिसके मद्देनजर 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में से किसी को भी “शिवसेना” के लिए आरक्षित “धनुष और तीर” के चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वहीं दोनों गुटों को 10 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में पेश करने होंगे। दोनों पक्ष फ्री सिंबल्स में से अपनी पसंद प्राथमिकता के आधार पर बता सकेंगे। आयोग ने अपने फरमान में दोनो धड़ों को ये छूट जरूर दी है कि दोनों अपने नाम के साथ चाहे तो सेना शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं। बहरहाल आयोग के पास नाम और फ्री सिंबल्स में से तीन विकल्प प्राथमिकता के आधार पर बताने ही होंगे।

गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर ऐसे ही एक विवाद में चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया था। साथ ही दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किया था। खास बात यह है कि शिवसेना पर अधिकार को लेकर दोनों गुटों के बीच सिर्फ चुनाव आयोग तक ही नहीं है, बल्कि दोनों ही गुट इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।