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नई दिल्ली: एक तरफ पूरे देश की जनता अपने आप को घरों में लॉकडाउन कर कोरोना रूपी महामारी से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीँ देश में कुछ ऐसे पढ़े-लिखे अमीर भी हैं। जो अपने रसूक के बलबूते इस आपदा में भी लॉकडाउन के नियमों की धज्जिया उड़ाते हुए एक शहर से दूसरे शहर भ्रमण पर निकलने की गैरजिम्मेदाराना हरकत करने से बाज नहीं आ हैं। यह घटना देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित (हॉटस्पॉट) राज्य महाराष्ट्र की है। जहाँ अब तक सबसे ज्यादा 1364 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और करीब 97 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। उसी राज्य की एक घटना सामने आई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ( DHFL) समूह के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन अपने परिवार के सदस्यों, नौकर चाकरों सहित कुल 23 लोगों के साथ लॉकडाउन के बीच 5 गाड़ियों में सवार होकर मुंबई (खंडाला) से महाबलेश्वर रवाना हुए और महाबलेश्वर पहुंच गए। खंडाला से महाबलेश्वर की दूरी लगभग 185 किलोमीटर है और यह फैमिली खुलेआम लॉकडाउन के नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए सफर पर निकल पड़ा। स्थानीय लोगों ने भीड़ देखकर पुलिस स्टेशन में शिकायत की तो सतारा पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया। लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर स्थानीय पुलिस ने प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन समेत 23 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और सभी को महाबलेश्वर में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के तहत रखा गया है।

इसमें सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इन लोगों के पास लॉकडाउन के दौरान शहर से बाहर जाने का अनुमति पत्र (पास) भी था। जो इन्हें किसी और ने नहीं बल्कि महाराष्ट्र गृह विभाग के विशेष सचिव अमिताभ गुप्ता ने जारी किया था। मामला सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता को तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रमुख सचिव पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने मेडिकल इमरजेंसी का बहाना बनाकर अनुमति पत्र (पास) प्राप्त किया था।

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