Parkash Singh Badal passed away

Parkash Singh Badal Death: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया है। वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। बादल मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे। 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को सोमवार को भी एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया था, जहां चिकित्सक उनके स्वास्थ्य की करीबी निगरानी कर रहे थे। शिरोमणि अकाली दल  के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद एक हफ्ते पहले मोहाली में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सोमवार शाम जारी एक मेडिकल बुलेटिन में निजी अस्पताल ने कहा था, ‘‘प्रकाश सिंह बादल अब भी आईसीयू में चिकित्सकों की करीबी निगरानी में हैं।’’ हालांकि, अस्पताल के सूत्रों ने कहा था कि बादल (95) के स्वास्थ्य में हल्का सुधार हुआ था। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि अगले कुछ दिनों तक शिअद के वरिष्ठ नेता के स्वास्थ्य में क्रमिक सुधार होना जारी रहता तो उन्हें एक निजी वार्ड में भेजा जा सकता था।

पिछले हफ्ते, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बादल के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी। पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बादल को ‘गैस्ट्राइटिस  और सांस लेने में परेशानी होने के चलते पिछले साल जून में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोविड बाद की स्वास्थ्य जांच के लिए फरवरी 2022 में उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था। बादल पिछले साल जनवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये थे और उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।

इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।