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नई दिल्ली: सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर शिक्षा एवं रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक को संसद से पास होने के एक दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। गुरुवार को यूथ फॉर इक्वेलिटी नामक संगठन ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में जनरल कोटा बिल को संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा गया है कि यह संविधान संशोधन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय किए गए 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है। याचिका में आगे कहा गया है कि आर्थिक पैमाना ही आरक्षण का इकलौता आधार नहीं हो सकता है।

बतादें कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं नौकरियों में 10 % आरक्षण देने से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक बुधवार को  10 घंटे की लम्बी चर्चा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया था। बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान बिल के समर्थन में 165 वोट पड़े जबकि इस बिल के खिलाफ केवल 7 वोट पड़े। राज्य सभा से पास होने जाने के बाद इस बिल को अंतिम मंजूरी के लिए महामहीम राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सामान्य वर्ग को आर्थिक आघार पर शिक्षा एवं रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण का कानून बन जायेगा। परन्तु इससे पहले ही आज गुरूवार को यूथ फॉर इक्वेलिटी नामक संगठन ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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