नयी दिल्ली : देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर दुर्घटना की जांच पूरी हो गई है। न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक इस दुर्घटना की जांच के लिए एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी टीम ने बुधवार को रक्षा मंत्री के सामने दुर्घटना के कारणों का खाका पेश किया। इस मौके पर वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी और रक्षा सचिव अजय कुमार भी मौजूद थे।
न्यूज एजेंसी वार्ता को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि CDS जनरल बिपिन रावत का MI-17V5 हेलीकाप्टर अचानक घने बादलों में फंसने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। और किसी तकनीकी गड़बड़ी या तोड़ फोड़ की साजिश के कारण यह दुर्घटना नहीं हुई थी।
बताया गया कि हेलिकॉप्टर के अचानक घने बादलों में फंसने के कारण एक विशेष स्थिति ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इंटू टेरेन’ बन गयी, जिसमें घने बादलों के कारण पायलट को नजर नहीं आता और हालात उसके काबू से बाहर हो जाते हैं जिससे हेलिकॉप्टर जमीन, पहाड़ या अन्य किसी चीज से टकरा जाता है।
जांच रिपोर्ट में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के लिए किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी या तोड़ फोड़ की साजिश जैसी आशंकाओं को खारिज किया गया है। जांच टीम ने अति विशिष्ट व्यक्तियों की या के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करने की भी सिफारिश की है।
जांच टीम ने एक महीने से भी कम समय में रिपोर्ट देने से पहले सभी पहलुओं से सबूतों तथा ब्लैक बॉक्स की जांच के साथ साथ तमाम परिस्थितियों का अध्ययन किया है। जांच में पायलट के हड़बड़ी में किसी तरह का संपर्क करने के भी संकेत नहीं मिले हैं।
इस हेलिकॉप्टर को उडा रहे विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान खुद हादसे मे मारे गये और उन्हें विशेष परिस्थितियों में उडान भरने का अच्छा खासा अनुभव था।
बता दें कि बीते 08 दिसम्बर को तमिलनाडु के कन्ननूर के निकट हुई इस हेलीकाप्टर दुर्घटना में देश के पहले सेना प्रमुख जनरल रावत, उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गयी थी।
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