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देहरादून: दुनियाभर में बाघों की तेजी से घटती संख्या के बाद बाघों के संरक्षण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 29 जुलाई को ‘इंटरनेशनल टाइगर डे’ मनाया जाता है। हमारे देश में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए भारत सरकार ने 1973 में प्रॉजेक्ट टाइगर शुरू किया। इस प्रयास के तहत देश के कई राज्यों के जंगलों में टाइगर रिजर्व्स बनाए गए। जो अब बढ़कर 50 हो गए हैं।

सोमवार को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश मे बाघों की गणना का परिणाम सार्वजनिक किया गया। भारत में कुल बाघों की संख्या का आंकड़ा 2967 पहुँच गया है जो कि विश्व बाघ संरक्षण के क्रम में भारत को प्रथम स्थान पर ले आया हैं।
इस सम्बन्घ में प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि बाघ संरक्षण में 442 बाघों के साथ उत्तराखंड का स्थान तीसरे नंबर पर रहा। साथ ही कॉर्बेट टाइगर में 250 टाइगर के साथ ही कॉर्बेट टाइगर डिविजन में क्षेत्रफल के अनुपात से उत्तराखंड प्रथम स्थान पर रहा। उत्तराखंड के नॉन टाइगर डिवीज़न में भी बाघों की संख्या सर्वाधिक प्राप्त करते हुए उत्तराखंड नंबर एक पर रहा। आश्चर्यजनक रूप से उत्तराखंड देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ प्रत्येक जनपद में बाघों की उपस्थिति पायी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जनपदों में बाघों की उपस्थिति वन्य जीव संरक्षण का बेहतर उदाहरण है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड जैव विविधता, पर्यावरण व वन्य जीव संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध है। ऑल इंडिया टाईगर एस्टीमेशन 2018 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 में उत्तराखंड में 227 बाघ थे जो कि वर्ष 2014 में 340 व वर्ष 2018 में बढकर 442 हो गए हैं। वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग डिक्लेरेशन में वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया था। परंतु भारत ने यह लक्ष्य चार साल पहले ही हासिल कर लिया। इसमें उत्तराखंड का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन व वन्य जीवन का संरक्षण उत्तराखंड की संस्कृति में है। बाघ फूड चैन में सबसे ऊपर हैं। बाघ पारिस्थितिक तंत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। कहा भी गया है कि “वन हैं तो बाघ हैं और बाघ हैं तो वन हैं।“ मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में सभी प्रतिभागी राज्यों के प्रतिनिधियों ने विकास  व पर्यावरण संरक्षण में संतुलन रखते हुए सतत् विकास का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सतत् विकास के लिए प्रयत्नशील हैं।