Launch Chandrayaan-3

ISRO Launch Chandrayaan-3: भारत का तीसरा मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ आज दोपहर 2.35 मिनट पर लॉन्च हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चार साल बाद एक बार फिर से पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान को पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान को लॉन्च किया। चंद्रयान-3 को ले जा रहे 642 टन वजनी, 43.5 मीटर ऊंचे रॉकेट LVM3-M4 ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज दोपहर 2.35 मिनट पर उड़ान भरी।

ISRO के मुताबिक लॉन्चिंग के कुछ मिनट बाद एमएलवी-एम4 चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में लेकर सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। इसके बाद चंद्रयान-3 ने लॉन्च रॉकेट से अलग होकर चंद्रमा तक की अपनी यात्रा शुरू कर दी. चंद्रयान-3 को 30,00,00 किमी से अधिक की दूरी तय कर चंद्रमा की सतह पर उतरने में करीब 50 दिन का समय लगेगा. इसरो के मुताबिक 23 या 24 अगस्त तक यह चांद की सतह पर लैंड कर सकता है। हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है। इससे पहले चंद्रयान-2 को 22 जुलाई  2019 को लॉन्च किया गया था, जो 20 अगस्त 2019 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया था लेकिन 6-7 सितंबर को विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग हो गई थी।

इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत चुनिंदा देशों की एलीट लिस्‍ट में शामिल हो जाएगा। अगर भारत ऐसा कर पाने में सफल हो जाता है वह अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा।

लॉन्च से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।’ श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 के लॉन्च का हर अपडेट देखिए।

चंद्रयान-3 के लॉन्च पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर में मौजूद रहे। इसके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन के सिवन और एएस किरण कुमार भी चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग पर मौजूद थे।

40 से 50 दिन में पूरा होगा सफर

धरती से चांद की दूरी करीब 3.84 लाख किलोमीटर है। चंद्रयान-3 इस दूरी को 40 से 50 दिनों में तय करेगा। अगर सबकुछ सही रहा तो 50 दिनों में चंद्रयान-3 का लैंडर चांद की सतह पर होगा। इसरो की योजना के मुताबिक, इसे 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।