वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू करने का भारतीय अर्थव्यवस्था, रोजगार व मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। स्थिति सामान्य होने के बाद भी क्या पहले जैसा माहौल रहेगा। भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए हमें क्या एहतियात बरतनी होगी। इन सब पर विशेषज्ञों ने चर्चा करनी शुरु कर दी है। प्रत्येक बिंदु पर गहन चिंतन किया जा रहा है। खुदरा बिक्री पर कोरोना का क्या प्रभाव पड़ा है, इस पर चर्चा करने के लिए ऑनलाइन सेमिनार (वेबिनार) का आयोजन किया गया। इस दौरान यह बात भी सामने आयी कि कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन व्यवसायों और उद्योगों को अधिक समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च कॉलेज द्वारा आयोजित ऑनलाइन सेमिनार (वेबिनार) में जीएल बजाज इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस लोगों, अर्थव्यवस्था और व्यापार पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। जिम्मेदार कॉपरेरेट्स के रूप में सभी खुदरा व्यापारी अपने कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। अंतिम उद्देश्य सस्ती कीमतों पर आवश्यक खाद्य और किराना उत्पादों की आसान और निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि लोग घबराएं नहीं। संकट की इस घड़ी में सभी को एक साथ आने की जरुरत है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हर क्षेत्र में व्यापक गिरावट देखी जा रही है, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। मॉल और दुकानों के बंद होने से सभी खुदरा विक्रेताओं के कारोबार को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे बड़ी संख्या में नौकरियों की हानि हो सकती है, क्योंकि कंपनियां इसे बहुत लंबे समय तक बनाए नहीं रख सकती हैं। वहीं मार्केट के जानकार डॉ. अरविंद भट्ट ने कहा कि सरकार की आगामी योजना सुरक्षा स्टोर के विकास पर केंद्रित थी। कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से देशभर में 20 लाख रिटेल स्टोर (सुरक्षा स्टोर) लांच किए जाएंगे। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए आरोग्य सेतु के स्टोर संलग्न किए जाएंगे। सरकार की पहल के दूसरे चरण में सुरक्षा सर्किल पूरी आपूर्ति श्रृंखला को कवर करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे, जिसमें सामाजिक गड़बड़ी, बिलिंग काउंटर, पड़ोस की दुकानों में प्रवेश करने वाले ग्राहकों की प्रक्रिया और संख्या शामिल होगी। सैलून, ब्यूटी पार्लर, कपड़े आदि की दुकानों पर भी यह नियम लागू होंगे। ऑनलाइन सेमिनार में शामिल विशेषज्ञों ने कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार द्वारा तुरंत लॉकडाउन लागू करने के प्रयास की सराहना की है। दूसरी ओर विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि व्यवसायों और उद्योगों को अधिक समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सरकार से नीतियां, छूट और समर्थन की तत्काल आवश्यकता है। पूरी अर्थव्यवस्था एक बड़े पतन के किनारे पर खड़ी है।
सीएल मौर्य