Narayan Rane arrested

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के बाद आज महाराष्ट्र पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री राणे पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। नारायण राणे को पहले चिपलून से हिरासत में लिया गया था, उसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर गिरफ्तार कर लिया गया।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे इन दिनों महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान राणे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर पर विवादित बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने ठाकरे की आलोचना करने के साथ ही उन्हें थप्पड़ मारने की बात कह डाली थी। पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर भ्रम में दिखे। इस पर राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं, अरे हीरक महोत्सव क्या, मैं होता तो (तमाचा) कान के नीचे लगाता’।

राणे के इस बयान के बाद शिव सैनिकों को गुस्सा फूट पड़ा। शिवसेना ने राज्य में कई जगह तोड़फोड़ की, नासिक स्थित बीजेपी के दफ्तर पर नारे लगाते हुए पत्थर फेंके गए। वहीं राणे के आवास के पास शिवसेना, बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई।

यही नहीं नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र के नासिक, पुणे और महाड़ में FIR दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद नासिक पुलिस ने राणे को रत्नागिरी के चिपलून में गिरफ्तार कर लिया गया।

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राणे की गिरफ्तारी के बाद भाजपा और शिवसेना नेताओं के बीच ‘जुबानी जंग’ भी तेज है। जहां शिवसेना मोदी सरकार पर नारायण राणे को बर्खास्त करने की मांग कर रही है, वहीं भाजपा उनकी गिरफ़्तारी को संवैधानिक मूल्यों का हनन बता रही है।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान हैं। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण राणे ने पहले रत्नागिरी की एक अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद राणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रूख किया था और अपने खिलाफ दर्ज तीनों FIR को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली।