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कांग्रेस पार्टी हाल के वर्षों में सबसे अधिक परेशान अपने नेताओं से ही है। कांग्रेस के कई नेता अपनी बयानबाजी और किताब लिख कर पार्टी आलाकमान के लिए मुसीबत बने हुए हैं। एक ओर कांग्रेस चंद महीनों में होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी हुई है वहीं दूसरी ओर उनके नेता भाजपा को मौका दे रहे हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री सलमान खुर्शीद की लिखी गई किताब का विवाद थम भी नहीं पाया था कि पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को एक बार फिर अपनी लिखी गई किताब से सियासत में हलचल मचा दी।

तिवारी ने लिखी किताब में मनमोहन सरकार पर सवाल उठाए हैं। इसके बाद भाजपा को कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए एक और बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब ’10 फ्लैश पॉइंट; 20 ईयर्स नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन देट इम्पैक्ट इंडिया में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। तिवारी ने मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी तरह का एक्शन न लेने को कमजोरी बताया है। किताब में तिवारी ने लिखा है कि मुंबई हमले के बाद तात्कालीन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। ये ऐसा समय था जब एक्शन बिल्कुल जरूरी था। तिवारी ने किताब में लिखा है कि एक देश (पाकिस्तान) निर्दोष लोगों का कत्लेआम करता है और उसे इसका कोई पछतावा नहीं होता। इसके बाद भी हम संयम बरतते हैं तो यह ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है। तिवारी ने 26/11 हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की है। इसके बाद भाजपा ने तिवारी की लिखी गई किताब के सहारे कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।

मनीष तिवारी के सहारे भाजपा ने पूर्व मनमोहन सरकार पर उठाए सवाल

भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाटिया ने पूछा कि सेना को हमले की खुली छूट क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो सरकार थी वो निठल्ली, निकम्मी थी, लेकिन राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उनको चिंता नहीं थी। आज कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी जी ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उन्हें चिंता नहीं थी। हर भारतीय ये बात कहता था, भाजपा भी यही बात कह रही थी।

गौरव भाटिया ने सवाल किया कि हमारी वीर सेना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से अनुमति मांग रही थी कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे। लेकिन सोनिया गांधी जी ऐसा क्यों हुआ कि हमारी वीर सेना को ये अनुमति क्यों नहीं दी गई। वहीं मनीष तिवारी की किताब को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मनीष तिवारी ने ठीक कहा है, यूपीए सरकार के दौरान आतंकवाद के खिलाफ अप्रोच बहुत कमजोर थी। उन्होंने जो कहा है कांग्रेस को उसका आत्म​निरीक्षण करना चाहिए। दूसरी ओर कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मनीष तिवारी की लिखी किताब को निजी विचार बताया है। फिलहाल मनीष तिवारी ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले अपनी लिखी गई किताब से कांग्रेस हाईकमान के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

शंभू नाथ गौतम