Bandra-Worli Sea Link

Bandra-Worli Sea Link: महाराष्ट्र में आज जबरदस्त सियासी हलचल है। बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद भाजपा और बागी नेता एकनाथ शिंदे मिलकर नई सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इन सबके बीच मुंबई बांद्रा-वर्ली सी लिंक आज अपनी तेरहवीं वर्षगांठ मना रहा है।

‌बता दें कि साल 2009 में आज के ही दिन मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक को लोगों के लिए खोला गया था। इससे बांद्रा से वर्ली जाने वालों का सफर एक घंटे से कम होकर 10 मिनट का हो गया। ये समुद्र पर बना भारत का पहला 8 लेन ब्रिज था। इसकी लंबाई 5.6 किलोमीटर है। 1999 में इसे बनाने का काम शुरू हुआ। तब इसकी अनुमानित लागत 600 करोड़ रुपए थी। काम 5 साल लेट होने की वजह से ये बढ़कर 1,600 करोड़ हो गई। 2009 में 4 और 2010 में ब्रिज की सभी 8 लेन शुरू कर दी गईं। इसे राजीव गांधी सी लिंक नाम दिया गया।

इस ब्रिज के बनने से पहले बांद्रा से वर्ली जाने के लिए माहिम कॉजवे का इस्तेमाल करना पड़ता था। ये रास्ता लंबा तो था ही, मुंबई में वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ ही इस रास्ते पर रोजाना जाम लगने लगा। इसके बाद बांद्रा को वर्ली से जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक रास्ते की मांग उठने लगी। आखिरकार फैसला लिया गया कि मुंबई के पश्चिमी तटीय इलाकों से होता हुआ फ्री वे बनाया जाएगा। ये फ्री वे मरीन ड्राइव को कांदिवली से जोड़ेगा। इसी प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले बांद्रा वर्ली सी लिंक का काम शुरू किया गया।

1999 में इस ब्रिज को बनाने का काम शुरू हुआ। साल 2009 में यह ब्रिज शुरू कर दिया गया। इस ब्रिज से आने-जाने वाले वाहन सवारों को मुंबई का अलग नजारा दिखाई पड़ता है।