नई दिल्ली: 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके हुए बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में तीन दोषियों के मौत की सजा संबंधी पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फांसी का फैसला बरकरार रखते हुए तीनों दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। चौथे दोषी अक्षय ने पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की थी। इस तरह निर्भया के सभी दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि समीक्षा याचिका पर उस वक्त गौर किया जाता है जब उसमें कोई ऐसा बिंदु हो जो पहले अदालत में उठाया न गया हो या उसे नजरअंदाज किया गया हो। इस याचिका में ऐसा कुछ नहीं था, इसलिए अदालत इनकी सजा को बरकरार रखते हुए इन्हें फांसी की सजा देती है।

इस दौरान निर्भया का परिवार भी कोर्ट में मौजूद था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2017 को निर्भया केस में चारों दोषी मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा था कि पीड़िता ने मरने से पहले जो बयान दिया वह बेहद अहम और पुख्ता साक्ष्य हैं। इस मामले ने देशभर के लोगों को झकझोर दिया था।