हाल ही में ग्वालियर में फुटपाथ पर ठंड में ठिठुरते, कचरे के ढेर में खाना ढूंढ़ते पुलिस के पूर्व निरीक्षक मनीष मिश्रा मिले थे। उसके बाद अब आईआईटी कानपुर से पासआउट 90 वर्षीय बुजुर्ग इंजीनियर भी ग्वालियर की सड़कों पर दिसम्बर की कंपकंपाती ठंड में ठिठुरते हुए मिले।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में स्वर्ग सदन आश्रम चलाने वाले युवक विकास गोस्वामी को सूचना मिली थी कि शिंदे की छावनी बस स्टैंड पर एक बुजुर्ग फुटपाथ पर पड़े हुए हैं। जब विकास अपने साथियों के साथ उनके पास पहुंचे तो वह बुज़ुर्ग उनसे अंग्रेजी में बात करने लगे। विकास समझ गए कि ये कोई पढ़े-लिखे इंसान हैं, लेकिन हालात के सताए हुए हैं। बातचीत में बुजुर्ग ने अपना नाम सुरेंद्र वशिष्ठ बताया है।
सुरेंद्र वशिष्ठ ने आगे बताया कि वह मूलरूप से यूपी के बरेली के रहने वाले हैं। लेकिन उनका जन्म ग्वालियर में और आरंभिक पढ़ाई मिशहिल स्कूल में हुई। उनके पिता ग्वालियर जेसी मिल में मैनेजर थे। उन्होंने यह भी बताया कि वह ग्वालियर के मिशहिल स्कूल के टॉपर रहे हैं। सुरेंद्र वशिष्ठ ने 1969 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पास की है। उसके बाद 1972 में उन्होंने लखनऊ के डीएवी कॉलेज से एलएलएम किया था। उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस में रीगल स्थित खादी भंडार में नौकरी भी की थी। वे इस हालत में कैसे पहुंचे यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि उनका कहना है कि उनका पूरा परिवार है। सब विदेश में रहते हैं। कभी-कभी मैं उनसे मिलने जाता था और कभी परिवार वाले भी उनसे मिलने आते रहते थे, पर अब उनसे सम्पर्क नहीं है। उन्होंने बताया कि मेरा एक भतीजा भी ग्वालियर में रहता है। सुरेन्द्र वशिष्ठ अपने परिवार के बारे में इससे ज्यादा जानकारी वे नहीं दे सके। विकास ने जब सुरेंद्र के बताए गए भतीजे से संपर्क किया तो उन्होंने उनकी सारी बातें सच होने की पुष्टि की। लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सुरेन्द्र अविवाहित हैं। 90 वर्षीय सुरेंद्र वशिष्ठ को ग्वालियर स्थित स्वर्ग सदन आश्रम में रखा गया है।