Parliament-winter-session

आज से देश में सियासत का नया टकराव शुरू होने जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। इस टकराव की जगह लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर ‘संसद भवन’ है। मॉनसून सत्र के बाद आज से संसद का ‘शीतकालीन सत्र’ शुरू होने जा रहा है। यह सत्र इसलिए महत्वपूर्ण है कि आने वाले कुछ महीनों बाद ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए भाजपा के साथ तमाम विपक्षी दल देश की जनता के सामने यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि हमारी नीतियां अच्छी हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और विपक्ष ने पूरा रिहर्सल तैयार कर लिया है। पक्ष और विपक्ष की ओर से शीतकालीन सत्र के दौरान कई मुद्दों पर जोर आजमाइश होगी। वहीं कृषि कानून को लेकर देश का किसान भी नजरें लगाए हुए है।

बता दें कि इस सत्र को लेकर रविवार को सर्वदलीय बैठक के साथ भाजपा ओर विपक्षी दलों के नेताओं की कई मीटिंगों का दौर चला। लेकिन असल परीक्षा आज है। सही मायने में संसद भवन में आज से राजनीति टकराव की एक ‘नई सीरीज’ शुरू होने जा रही है। सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज हो रहा है । यह सत्र 23 दिसंबर तक चलना प्रस्तावित है। पूरी संभावना है कि ये बैठक हंगामेदार होगी क्योंकि राजनीतिक दबाव में सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेना पड़ा है और फिर पांच राज्यों के चुनाव भी मुहाने पर खड़े हैं । संसद सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा कृषि कानूनों को वापस लेने पर है। क्योंकि विपक्ष ने किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों से माफी मांगने समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी की हुई है।

बता दें कि ये तीनों कानून पिछले साल केंद्र सरकार ने पारित कराए थे, जिन्हें विपक्षी दलों से लेकर किसान संगठनों तक के विरोध का सामना करना पड़ा। इन कानूनों की वापसी के लिए किसान संगठन पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे हैं। लगातार विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। लेकिन विपक्ष कृषि कानून के मुद्दे पर पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक सियासी माहौल गर्म रखना चाहता है। अब आइए जानते हैं इस शीतकालीन सत्र में कौन-कौन से मुख्य विधेयक पेश किए जा सकते हैं।

कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ ये विधेयक पेश हो सकते हैं

बता दें कि आज से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूरे देश की नजर कृषि कानूनों को रद करने पर रहेगी। पहले दिन लोकसभा में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इसके अलावा आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

कुछ लंबित विधेयकों सहित संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान करीब 30 विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें आर्थिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं। रविवार को सरकार का विपक्ष से आग्रह किया है कि आर्थिक सुधार एवं कुछ प्रमुख विषयों पर नियमन से जुड़े इन अहम विधेयकों पर चर्चा करे और इन्हें पारित कराने में सहयोग करे। वहीं केंद्र सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं। लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव तय है।