अभी कुछ दिनों पहले देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के बेतुके बयानों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नेताओं का दिया गया बयान उनका स्वयं होगा इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार नहीं होंगी। सुप्रीम कोर्ट की इस नसीहत का असर नेताओं पर कोई असर नहीं हुआ है। अब एक मंत्री ने अपने बेतुके बयान से सियासी माहौल को गरमा दिया है। ये हैं आरजेडी विधायक और बिहार की नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया है। बता दें कि चंद्रशेखर ने कहा कि मनुस्मृति, बंच ऑफ थॉट्स, रामचरितमानस नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी। बता दें कि बुधवार को राजधानी पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया।
समारोह के बाद जब उनसे फिर से उनके बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया। मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, ”मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं, यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के इस विवादित बयान के बाद भाजपा नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। बक्सर से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, “ये अज्ञानी शिक्षा मंत्री है। इसने हजारों धर्मावलंबियों का अपमान किया है।
अश्विनी चौबे ने कहा कि रामचरित मानस एक जीवन पद्धति है ऐसे शिक्षा मंत्री का तुरंत इस्तीफा होना चाहिए। वहीं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कड़ी आपत्ति जताई है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की चौपाई की गलत व्याख्या कर समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा ‘रामचरितमानस’ नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है।
कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’ बताया था। यह संयोग नहीं है। यह वोट बैंक का उद्योग है। बिहार के शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, आदरणीय नीतीश कुमार जी। भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षा मंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है। आपका मेरे मन में अतीव आदर है। इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें अपने अपने राम सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो। चिराग पासवान ने कहा है कि शिक्षा मंत्री का बयान समाज को बांटने वाला है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। शिक्षा मत्री के विवादित बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बोलने से परहेज करते नजर आए। उन्होंने कहा, हमको इसके बारे में कुछ मालूम नहीं है। हम देखेंगे तब ही कुछ कह पाएंगे। मुझे पता नहीं है। मैं उनसे पूछ लूंगा।
यह बिहार के ‘शिक्षा मंत्री’ चंद्रशेखर हैं?
इनका कहना है कि “श्री रामचरित मानस” ग्रंथ दुनिया में ‘नफ़रत’ फैलाने का काम करती है।
इस शर्मनाक बयान पर मंत्री जी कितना खुश हैं!https://t.co/wEWS19NJrb pic.twitter.com/9Hc2NlAvaw
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) January 11, 2023