मंगलवार को छत्तीसगढ़ बोर्ड (सीजीबीएसई बोर्ड) के 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए गए। जिसमे एक बालिका प्रज्ञा कश्यप ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में हर सब्जेक्ट में 100 में से 100 अंक यानी 600/600 अंक हासिल कर इतिहास रचा है। और उससे भी बड़ी बात यह है कि प्रज्ञा कश्यप छत्तीसगढ़ के जरहागांव सरकारी स्कूल की छात्रा है। प्रज्ञा कश्यप के पिता भी सरकारी स्कूल में अध्यापक है।
मुंगेली छतौना की छात्रा प्रज्ञा की इस ऐतिहासिक सफलता पर जब मीडिया के लोगों ने उनसे पूछा सरकारी स्कूल में पढाई कर उन्होंने कैसे पूरे छत्तीसगढ़ बोर्ड को टॉप कर दिया। तो प्रज्ञा का जवाब था कि कौन कहता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है ऐसा कहने वाले गलत बात करते हैं। उसने यह मिथक तोड़ दिया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी नहीं होती। प्रज्ञा ने बताया कि पूर्व में वह प्राइवेट स्कूल में भी पढ़ाई कर चुकी है और उसका अनुभव है कि प्राइवेट स्कूल से बेहतर पढ़ाई सरकारी स्कूलों में होती है।
प्रज्ञा ने बताया कि उसने पिछले साल गर्मी की छुट्टी से ही प्लान कर लिया था कि वह हर रोज प्रति विषय एक घंटे पढ़ाई करेगी। वह हर सब्जेक्ट को प्रतिदिन एक घंटे पढ़ती थी और परीक्षा के पहले रोज लगभग 8 घंटे तक पढ़ाई करती थी। प्रज्ञा ने बताया कि वह आगे चलकर आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती है। प्रज्ञा कश्यप ने साबित किया है कि अगर लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है। प्रज्ञा अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर के साथ अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को देती है। पिता शिव कुमार कश्यप और माता लता कश्यप के प्रोत्साहन से ही 14 जनों के भरे पूरे परिवार में प्रज्ञा ने यह कमाल कर दिखाया है।