Prashant Kishor Jan Suraaj: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर आज बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी का उदय हुआ है। मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ़ पीके ने अपनी पार्टी के नाम का ऐलान करते हुए आखिर राजनीति में औपचारिक रूप से कदम रख दिया है। प्रशांत किशोर ने अपनी नई पार्टी को जन सुराज नाम दिया है। हालाँकि पीके अब भी खुद को रणनीतिकार की ही भूमिका में रखेंगे। उन्होंने एक रणनीतिकार की तरह ही अपनी जन सुराज पार्टी की स्थापना के साथ दलित चेहरे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।

प्रशांत किशोर ने अपनी टीम में जुड़े पढ़े-लिखे लोगों में से एक मनोज भारती को पार्टी की कमान सौंपी। मधुबनी जिले के रहने वाले चार देशों के राजदूत रहे मनोज भारती को पहला अध्यक्ष बनाया गया है। दलित समाज से आने वाले मनोज जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष होंगे, मार्च 2025 में फिर से चुनाव किया जाएगा। पार्टी के आधिकारिक झंडे में महात्मा गांधी के साथ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की भी फोटो होगी। मनोज भारती संयुक्त बिहार के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट से निकलने के बाद आईआईटी से इंजीनियर बने और फिर भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी। वह नौ भाषाओं के जानकार हैं और आईएफएस बनने के बाद भी पढ़ाई कर डॉक्टरेट भी ले चुके हैं।

बुधवार को पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में जन सुराज पार्टी के गठन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जन सुराज से जुड़े राज्यभर से लोग पटना में जुटे। सभास्थल पर अनोखा मंच बनाया गया, जिस पर 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। मंच पर जैमर लगाए गए, जिससे मोबाइल फोन काम नहीं कर रहे थे। पीके की नई पार्टी के गठन से ठीक पहले सीतामढ़ी से पूर्व सांसद सीताराम यादव और पूर्व मंत्री रघुनाथ पांडे की बहू विनिता विजय ने जन सुराज का दामन थाम लिया। प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि 2025 तक नहीं रुकना है, 2024 में ही बिहार की दूसरी पार्टियों का हिसाब कर दिया जाएगा। नवंबर 2024 में बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है। रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज सीट पर जन सुराज पार्टी अपने कैंडिडेट उतारेगी।

प्रशांत किशोर ने पटना के वेटनरी कॉलेज स्थित पार्टी के स्थापना समारोह में बिहार के लिए पांच सूत्री विकास मंत्र दिए। इसमें युवाओं, किसानों, बुजुर्गों, महिलाओं के लिए अलग-अलग कार्ययोजना बताई। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को दिल्ली की मेहरबानी नहीं चाहिए। यहां के लोग इतना सक्षम बनेंगे कि दूसरे राज्यों की मदद करेंगे। उन्होंने बिहार में विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार में आते ही एक घंटे के अंदर शराबबंदी को हटाएंगे, फिर दारू से जो टैक्स आएगा उसका केवल शिक्षा पर ही खर्च किया जाएगा।

कौन हैं मनोज भारती

मधुबनी जिले के रहने वाले मनोज भारती पिछले साल पीएम मोदी के करीब रहे थे। उन्होंने जी20 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 13 केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम का प्रबंधन कर रहे थे। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इंडोनेशिया दौरे का समन्वय भी किया था। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे मनोज भारती नौ भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, फ़ारसी, बंगाली, रूसी, बहासा, फ़्रेंच और तुर्की के जानकार हैं। 1973-1980 बैच के नेतरहाट के विद्यार्थी रहे मनोज भारती ने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में 1980-85 में आईआईटी कानपुर से बी.टेक. किया था। इसके बाद 1988 बैच के आईएफएस बने। आईएफएस के रूप में यूक्रेन में सेवा देने के दौरान ही मनोज भारती ने मास्टर इन इंटरनेशनल रिलेशन और डॉक्टर इन फिलॉसफी भी हासिल की।