अग्निपथ स्कीम : केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। बिहार से निकली ये चिंगारी यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड हिमाचल तक पहुंच गई है। बिहार में स्कीम के विरोध में दूसरे दिन भी कई जिलों में आगजनी हुई है, रेल मार्ग-सड़क मार्ग को रोका गया है। पथराव की भी खबरें हैं। वहीं, आरा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है। यहां रेलवे के ऑफिस में तोड़फोड़ हुई है। बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में नवादा बीजेपी कार्यालय में आगजनी घटना भी हुई है।
बिहार के बाद यह बवाल हरियाणा के गुरुग्राम और राजस्थान तक फैल गया है। युवा अग्निपथ स्कीम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। स्कीम के विरोध में कई जगह आगजनी हुई है, रेल मार्ग-सड़क मार्ग को रोका गया है। इसके अलावा पथराव की भी खबरें हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, अलीगढ़ और गाजीपुर समेत आसपास क्षेत्रों में जबरदस्त हिंसा हुई है। उत्तर प्रदेश में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं से अपील की कि वह किसी के बहकावे में न आए।
वहीं हरियाणा के रोहतक में इस योजना के विरोध में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। इधर, पलवल में हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियां जला दीं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में चुनाव अभियान के लिए जा रही मोदी की रैली में विरोध जताने जा रहे युवाओं को रोका गया। एक युवक ने आज रोहतक के पीजी होस्टल के रूम में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। युवक का नाम सचिन था। वो जींद जिले के लिजवाना गांव का रहने वाला है। बताया गया है कि वह सेना भर्ती की नई पॉलिसी अग्नि पथ लाने से परेशान था। परिजन ने बताया की सेना की भर्ती कैंसिल होने और चार साल की स्कीम वाली अग्निपथ योजना आने से दुखी होकर सचिन ने यह कदम उठाया। (हालांकि अभी इसकी पुलिस ने पुष्टि नहीं की है।)
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गोला का मंदिर में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों ने चक्काजाम कर दिया है। बीच सड़क पर टायर जलाकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात है।
उत्तराखंड के खटीमा में सैकड़ों युवाओं ने जुलूस निकालकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का जोरदार विरोध किया। खटीमा मुख्य चौक पर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। युवाओं ने योजना को वापस लेने की मांग की। युवाओं का कहना है कि पिछले 2 साल से वह सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का भी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर पूरे देश में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया है जो कि देश के युवाओं के विरोध में है।
इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अग्निवीरों को रिटायर्ड होने के बाद उत्तराखंड पुलिस, आपदा प्रबंधन और राज्य के चार धाम प्रबंधन में नौकरी दी जाएगी।
अग्निपथ की स्कीम से बिहार समेत कई राज्यों के छात्र इसलिए नाराज
बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं। उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा। फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है। भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे। चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी। सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा। लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी।