old pension restorated in rajasthan

Od Pension Scheme: राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य में फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश बजट पेश करते हुए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू करने का ऐलान कर दिया है। इसका फायदा राजस्थान में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। राज्य सरकार के इस फैसले से सूबे के सरकारी कर्मचारी खुश हैं। गहलोत सरकार के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार और दूसरे राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरफ से पुराने पेंशन योजना के बहाली की मांग जोर पकड़ सकती है।

क्या है पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल के दौरान अप्रैल 2005 के बाद सरकारी नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद कर दिया था। इसकी जगह पर उन्होंने नई पेंशन योजना लागू की थी। केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की थी लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था। इसके बावजूद धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने अपना लिया। कहा जाता है कि सरकारी कर्मचारी पेंशन योजना को समझ नहीं पाए थे और उन्हें ऐसा लगा था कि यह योजना रिटायरमेंट के बाद उन्हें पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा लाभ देगी। दरअसल नई पेंशन स्कीम (यानी नेशनल पेंशन स्कीम- NPS) के तहत पेंशन के लिए पैसे की कटौती कर्मचारियों के वेतन से ही होती है। तथा रिटायरमेंट के बाद क्रमचारियों को बहुत कम पेशन मिलती है। जिसके चलते पिछले कुछ सालों से यूपी, उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों के कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध करना शुरू कर दिया था।

ऐतिहासिक फैसले का राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा ने किया स्वागत

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत का कहना है कि पुरानी पेंशन प्रत्येक कार्मिक का अधिकार है। इसलिए यह पूरे देश में लागू की जानी चाहिए। राजस्थान सरकार के इस फैसले से अन्य राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी पुरानी पेंशन के महत्व को समझेगी और बाजार आधारित नई पेंशन योजना को समाप्त करेगी।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि हम राजस्थान सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमारे राज्य में हाल में संपन्न पांचवे विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। सभी दलों ने इस बात को माना कि पुरानी पेंशन कर्मचारी का अधिकार है। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा इसे पहले विधानसभा सत्र में पारित कराने की बात भी कही गई है, अब राज्य सरकार को भी राजस्थान की तर्ज में ऐसा करने में आसानी होगी।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी ने पांचवीं विधानसभा के पहले विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद जताई और यह भी आशा जताई कि सभी राजनीतिक दल पुरानी पेंशन बहाली में सहयोग करेंगे और यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से उत्तराखंड में भी पारित होगा।