भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन प्रत्येक वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। तथा भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। वैसे आजकल रक्षा बंधन में भाई बहनों को अपनी हैसियत के अनुसार उपहार देने का प्रचलन हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन 15 अगस्त बृहस्पतिवार को है। संयोग से इस दिन को हम भारतवासी आजादी या स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी मनाते हैं। अतः कल 15 अगस्त को भारतवर्ष में दो त्यौहार एक साथ मनाये जाएंगे। एक राष्ट्रीय त्यौहार (स्वतंत्रता दिवस) और दूसरा भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार (रक्षाबंधन)। इस बार रक्षाबंधन भद्रा मुक्त रहेगी। भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती। लेकिन, इस बार बहनें सूर्य अस्त होने तक किसी भी समय राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त:
भद्रा का साया न होने से 15 अगस्त को सूर्योदय से शाम 5:58 तक रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त रहेगा
रक्षा सूत्र बंधते समय एक श्लोक का उच्चारण किया जाता है। यह श्लोक है
येन बद्धो बलि राजा दानवेंद्रो महाबली।
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
इसमें कहा गया है कि जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेंद्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।
देवभूमि संवाद की ओर से हर भारतवासी को स्वतंत्रता दिवस तथा रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।