रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बाद अब भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। यूक्रेन में फंसे 18,000 भारतीय लोगों और छात्रों की स्वदेश वापसी शुरू हो गई है। यूक्रेन से भारत के लोगों को लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल से दो बार हाई लेवल की मीटिंग की। उसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी अब शुरू कर दी गई है। रोमानिया के रास्ते से इन सभी को देश वापस लाया जाएगा।
बता दें कि भारतीय छात्र यूक्रेन में केंद्र सरकार से स्वदेश लाने के लिए लगातार गुहार लगा रहे थे। अब एक तस्वीर भी सामने आ गई है कि जहां पर 30 भारतीय छात्र वतन वापसी पर अपनी खुशी जाहिर कर रहे है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि पोलैंड और हंगरी के रास्ते से सभी को बाहर निकाला जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय की मदद से भारतीय नागरिकों के एक दल को रोमानिया सीमा की ओर भेजा गया है। अभी कुछ देर पहले भारतीय छात्रों ने पोलैंड के रास्ते से उड़ान भरी है।
गौरतलब है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स और नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए भारत सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। भारत सरकार की दो चार्टर्ड फ्लाइट भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए बुखारेस्ट, रोमानिया के लिए उड़ान भरी। एयर इंडिया भी सहायता कर रही है। वहीं दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की। इसके अलावा वो फ्रांस के राष्ट्रपति से भी बातचीत कर चुके हैं। दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने पुतिन को बातचीत का न्योता भेजा है।
हालांकि, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पहले ही साफ कर चुके हैं कि बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन सरेंडर कर दे। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की थी। इसके बाद रूस की तरफ से शुक्रवार को बयान आया। इसमें कहा गया हमें उम्मीद है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में भारत हमारा समर्थन करेगा। यहां अगर कोई रिजोल्यूशन जारी होता है तो भारत से समर्थन और सहयोग की उम्मीद करते हैं।