उत्तराखंड के लिए एक बार फिर गौरवान्वित करने वाली खबर है। उत्तराखंड के अधिकारियों को सेना और शासन में अहम पदों में जिम्मेदारी मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं। वे पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक के अंतर्गत पट्टी चलनस्यू के ग्राम गवाणा के रहने वाले हैं। इससे पूर्व देश के पहले सेना प्रमुख जनरल स्व. विपिन रावत भी पौड़ी जिले के ही रहने वाले थे। वह बिपिन रावत के बाद वह दूसरे सीडीएस होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने पर बधाई दी है।

सेना में 40 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले अनिल चौहान पिछले साल ही सेवानिवृत हुए थे। पिछली साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से सीडीएस का पद खाली था। रक्षा मंत्रालय की ओर जारी दी गई जानकारी के अनुसार, वह भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अपने लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में कई कमांड संभाले हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव भी है।

पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना में निधन के बाद नए सीडीएस की नियुक्ति पर मंथन हो रहा था। आज केंद्र ने इस पर मुहर लगा दी। नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त, दोनों तरह के सैन्य अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही थी। यह पद पिछले साल आठ दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की एक हवाई हादसे में मौत हो जाने के बाद से खाली था।

अनिल चौहान का 18 मई 1961 को जन्म हुआ था। उन्‍हें 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह नेशनल डिफेंस एकैडमी खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल रहते हुए उन्‍होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर उन्होंने पूर्वोत्‍तर में कोर की कमान संभाली। सितंबर 2019 में वह पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। मई 2021 में अपने रिटायरमेंट तक यह पदभार संभाला।

अनिल चौहान का सेना में लगभग 40 वर्षों से ज्‍यादा का करियर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान कई कमांड की बागडोर हाथ में रख चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्‍तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनका व्यापक अनुभव है।

इससे पहले चौहान ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी सेवाएं दी हैं। चौहान 31 मई 2021 को भारतीय सेना से रिटायर हुए थे। सेना से रिटायर होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।