Karnataka New CM: कर्नाटक विधानसभा चुनाओं में कांग्रेस को मिली शानदार जीत के बाद से पिछले 5 दिनों से पार्टी के अंदर नए मुख्यमंत्री को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आखिरकार कांग्रेस ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर ही लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खरगे ने फैसला किया है कि सिद्धारमैया प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे तथा डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मलिकाजरुन खरगे ने बुधवार देर रात लंबी बातचीत की और फिर दोनों नेताओं को इस फामरूले पर राजी कर लिया गया। यह जानकारी भी मिली है कि 20 मई को दोपहर 12:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा। आज शाम बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
क्या बोले डीके शिवकुमार
मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हो चुके कर्नाटक कांग्रेस के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया को कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनाने वाले पार्टी के फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और आगे भी सब कुछ ठीक रहने वाला है। मैंने पहले भी कहा था कि पार्टी हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। जो भी फार्मूला बनाया गया है, हम सभी उसे स्वीकर करते हैं।
इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की गत रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खरगे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा।
कर्नाटक में बीते 10 मई को राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत साहिल कर सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। वहीँ भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर जिस चेहरे को आगे करके कांग्रेस ने पूरा चुनाव लड़ा उसे सीएम क्यों नहीं बनाया? सिद्धारमैया को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाने की क्या वजह है? आखिर कैसे डीके शिवकुमार पर सिद्धारमैया भारी पड़े?
- कर्नाटक में पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता
चुनाव से पहले ही सिद्धारमैया ने एलान कर दिया था कि ये उनका आखिरी चुनाव है। इसके बाद वह राजनीति में तो रहेंगे, लेकिन कोई पद नहीं सभालेंगे। चुनाव के बाद भी हाईकमान के सामने उन्होंने यही दांव खेला। उन्होंने कहा कि वह इसके बाद कोई पद नहीं लेंगे। ऐसे में आखिरी बार उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। पार्टी को भी ये बात ठीक लगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कर्नाटक में अब बीएस येदियुरप्पा के बाद सिद्धारमैया ही सबसे वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में पार्टी को उनके अनुभव का फायदा मिल सकता है।
- सिद्धारमैया को मिला ज्यादातर विधायकों का साथ :
इस चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है। बताया जाता है कि विधायक दल की बैठक में 95 विधायकों ने खुलकर सिद्धारमैया का नाम लिया। मतलब विधायक सिद्धारमैया को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस ने सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो संभव है कि आगे चलकर सिद्धारमैया बगावत कर सकते थे।
- डीके शिवकुमार पर मुकदमों की मुसीबत :
दूसरा सबसे बड़ा कारण डीके शिवकुमार पर चल रहे मुकदमे हैं। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता यही रही कि डीके शिवकुमार के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इस बीच, कर्नाटक के डीजीपी को ही सीबीआई का नया डायरेक्टर भी बना दिया गया है। कहा जाता है कि सीबीआई के नए डायरेक्टर डीके शिवकुमार को करीब से जानते हैं। दोनों के बीच बिल्कुल नहीं बनती है। ऐसे में कांग्रेस को लगा कि अगर डीके शिवकुमार को सीएम बना दिया जाता है तो सीबीआई उनकी पुरानी फाइलों को खोल देगी, जिसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा।
- पिछड़े वर्ग में सिद्धारमैया की मजबूत पैठ:
ये सबसे बड़ा कारण है। सिद्धारमैया की पकड़ हर तबके में काफी अच्छी है। खासतौर पर दलित, पिछड़े और मुसलमानों के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में अगर सिद्धारमैया को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तो संभव है कि वह पार्टी के खिलाफ जा सकते थे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के हाथों से दलित, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक भी खिसक सकता था।
- लोकसभा चुनाव पर फोकस :
2013 और फिर 2018 में सरकार बनाने के बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का परफॉरमेंस ठीक नहीं था। ऐसे में इस बार पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। सिद्धारमैया को पार्टी और सरकार दोनों ही चलाने का अनुभव है। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं, जिसमें से 2019 में कांग्रेस को सिर्फ एक सीटें मिली थी। खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी गुलबर्गा से चुनाव हार गए थे। ऐसे में अब जब फिर से सूबे में सरकार बन चुकी है तो कांग्रेस ने इस बार ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए पार्टी हाईकमान को सिद्धारमैया का चेहरा ज्यादा मजबूत समझ में आया।
- सिद्धारमैया का ‘अहिन्दा’ फॉर्मूला :
सिद्धारमैया लंबे समय से अल्पसंख्यातारु (अल्पसंख्यक), हिंदूलिद्वारू (पिछड़ा वर्ग) और दलितारु (दलित वर्ग) फॉर्मूले पर काम कर रहे थे। अहिन्दा समीकरण के तहत सिद्धारमैया का फोकस राज्य की 61 प्रतिशत आबादी है। 2004 से ही वह इस फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं और काफी हद तक ये सफल भी रहा। ये ऐसा फॉर्मूला है, जिसमें अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को एक साथ लाया जा सकता है। कर्नाटक में दलित, आदिवासी और मुस्लिमों की आबादी 39 फीसदी है, जबकि सिद्धारमैया की कुरबा जाति की आबादी भी सात प्रतिशत के आसपास है। 2009 के बाद से कांग्रेस कर्नाटक में इसी समीकरण के सहारे राज्य की राजनीति में मजबूत पैठ बनाए हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस इसे कमजोर नहीं करना चाहती है।
कर्नाटक के होने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बारे में
कर्नाटक के होने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का जन्म मैसूर के एक गांव में तीन अगस्त 1947 को हुआ था। उनके पिता सिद्धारमे गौड़ा वरुणा होबली में खेती का काम करते थे। वहीं इनकी मां एक हाउसवाइफ थी। पांच भाई-बहनों में सिद्धारमैया दूसरे नंबर पर हैं और कुरुबा गौड़ा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
राजनीतिक करियर की बात करें तो सिद्धारमैया ने 1978 में राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद सिद्धारमैया विभिन्न पदों पर रहे। कार्यकर्ता से लेकर विधायक और उपमुख्यमंत्री बनने के बाद साल 2013 में सिद्धारमैया को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया और 2013 से 2018 तक वो इस पद पर रहे। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में वरुणा सीट से जीत हासिल की है। इसके साथ ही सिद्धारमैया के खिलाफ कुल मिलाकर 13 मामले दर्ज हैं। सिद्धारमैया की शुरुआती शिक्षा की बात करें तो दस साल की उम्र तक वो गांव के ही एक स्कूल में पढ़े। बाद में उन्होंने बीएससी की डिग्री हासिल की और फिर एलएलबी की पढ़ाई मैसूर यूनिवर्सिटी से की
पार्टी में सब कुछ ठीक है और आगे भी सब कुछ ठीक रहने वाला है। मैंने पहले भी कहा था कि पार्टी हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। जो भी फार्मूला बनाया गया है, हम सभी उसे स्वीकर करते हैं: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के रुप में नामित होने पर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार,… pic.twitter.com/DppV4EMPEL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2023