नोएडा : भागदौड़ भरी जिन्दगी और बदलती जीवन शैली ने युवा पीढ़ी को सबसे अधिक प्रभावित किया है। जीवन में कम समय में ज्यादा हासिल कर लेने की चाह ने उनकी जीवन शैली को इस कदर प्रभावित कर दिया है कि उनके पास न तो सही से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का। फ़ास्ट फ़ूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसे गैर संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगे हैं, जबकि यह बीमारियाँ पहले 40 साल की उम्र के बाद की मानी जाती थीं ।
इन्हीं परिस्थितियों से लोगों को उबारने के लिए ही हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस पर सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है। हर साल अलग-अलग थीम पर मनाये जाने वाले दिवस की इस बार की थीम है- बिल्डिंग अ फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड (एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण)।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दीपक ओहरी का कहना है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ही ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए। शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है। गैर संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए। इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं। इसके अलावा तम्बाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं। इन बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही सरकार ने घर के नजदीक ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने के साथ ही वहां पर इन बीमारियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था के साथ ही योगा क्लास और काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि सरकार हर किसी को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से ही मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित कर रही है। हर क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की गयी है जो स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी मुश्किल में साथ खड़ी नजर आती हैं। हर रविवार को स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन हो रहा है ताकि लोग छुट्टी के दिन को सेहत दिवस के रूप में मना सकें। डा. ओहरी का कहना है कि कोरोना ने रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) की अहमियत को साबित कर दिया है । इसलिए बच्चों की इम्युनिटी पर खास ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों के खाने में हरी साग-सब्जियों और मौसमी फलों को अवश्य शामिल करें ताकि वह शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ बन सकें । फास्ड फ़ूड-बर्गर-पिज्जा से सिर्फ स्वाद मिलता है न कि रोगों से लड़ने की क्षमता। इसके साथ ही मास्क से मुंह व नाक को ढककर ही बाहर निकलें, इससे कोरोना से ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे ।
स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी :
- संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं
- नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें
- तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से शेयर करें
- प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी
- वजन को संतुलित रखें
- दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक से ही संपर्क करें
स्वस्थ रहना है तो क्या न करें :
- चीनी व नमक का अधिक इस्तेमाल न करें
- तम्बाकू और शराब का सेवन न करें
- तले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें