Triple talaq bill pass from in Sabha

नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं से सम्बंधित ऐतिहासिक तीन तलाक बिल लोकसभा से पास होने के बाद आज चर्चा के बाद वोटिंग के जरिए राज्यसभा से भी पारित हो गया है। मंगलवार को राज्य सभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि इस बिल के विरोध में 84 सांसदों ने मतदान किया। बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके और टीडीपी जैसे कई दलों के वोटिंग में हिस्सा न लेने के चलते सरकार को यह बिल पास कराने में आसानी हुई।

इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है। दोनों सदनों ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिया है। यह एक उन्नतिशील भारत की शुरुआत है।

अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। इस बिल के पास होने पर 3 बार तलाक कहना अब अपराध हो गया है। तीन तलाक देने वाले को 3 साल की सजा और जुर्माना देना होगा। पीड़िता या परिवार FIR दर्ज करा सकते हैं।

 तीन तलाक बिल पास होना नये भारत के निर्माण की शुरूआत: मुख्यमंत्री रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोकसभा के साथ ही राज्यसभा द्वारा भी तीन तलाक बिल पास होना नये भारत के निर्माण की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि यह समाज में मुस्लिम महिलाओं को समानता प्रदान करने वाला ऐतिहासिक कदम है। यह देश की मुस्लिम महिलाओं को ही नहीं बल्कि सभी महिलाओं को जीने की आजादी के साथ ही उनके मनोबल को बढ़ावा देने का भी प्रयास है। उन्होंने इसे उन्नतशील नये भारत एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया गया एतिहासिक व क्रान्तिकारी कदम भी बताया है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम को सामाजिक विसंगति को मिटाने व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला भी बताया है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं में आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास की भावना का भी विकास होगा। उन्होंने इसके लिये प्रधानमंत्री सहित सभी सांसदों का भी आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको समानता देने वाले इस बिल का कांग्रेस सहित जिन अन्य राजनीतिक दलों ने विरोध किया है वह निन्दनीय है, इसके लिए इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।