शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मोदी कैबिनेट से कृषि संबंधी तीन विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में इन विधेयकों को किसान विरोधी कदम बताया और कहा कि उनकी पार्टी की एकमात्र मंत्री इस्तीफा दे देंगी। इसके फौरन बाद हरसिमरत कौर ने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने ट्वीट किया है, “मैंने केंद्रीय मंत्री पद से किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के ख़िलाफ़ इस्तीफ़ा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।” उन्होंने प्रधानमंत्री को सौंपे अपने इस्तीफ़े में लिखा है कि कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के मुद्दे पर किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना भारत सरकार ने बिल को लेकर आगे बढ़ने का फ़ैसला लिया है। शिरोमणि अकाली दल किसी भी ऐसे मुद्दे का हिस्सा नहीं हो सकती है जो किसानों के हितों के ख़िलाफ़ जाए। इसलिए केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपनी सेवा जारी रखना मेरे लिए असभंव है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हज़ारों किसान सड़क पर हैं। मैं ऐसी सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहती जिसने सदन में बिना किसानों की चिंताओं के बारे में बात किए बिल पास कर दिया। यही वजह है कि मैंने इस्तीफ़ा दिया।”
बतादें कि पंजाब में तीनों बिलों का किसान और उसके संगठन काफी मुखर विरोध कर रहे हैं, इसलिए किसानों की राजनीति करने वाला अकाली दल उनकी नाराजगी मोल नहीं लेना चाहता और हरसिमरत कौर ने इस्तीफे के जरिए यह जताने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर किसानों के साथ है।
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020