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Manipur Violence: पिछले करीब तीन महीने से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे पहाड़ी राज्य मणिपुर से इंसानियत को शर्मसार कर देना वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सैंकड़ों की भीड़ दो महिलाओं को सड़क पर निर्वस्त्र कर घुमाती दिख रही है। जिसके बाद मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है। वहीँ लगातार सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल वीडियो को लेकर सरकार ने आदेश जारी किया है। सरकार ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो शेयर नहीं करने का आदेश दिया है। साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कानूनों का पालन करने को कहा है। सरकार का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस मामले से जुड़ा सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर न करे। वहीं दूसरी ओर केंद्र से लेकर राज्य सरकार पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं। वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं। आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के मुताबिक यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई। वहीं इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर राज्य में तीन मई से इंफाल घाटी में केंद्रित बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ियों पर कब्जा करने वाले कुकी लोगों के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं। हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अनुसूचित जनजाति में मैतेई को शामिल करने के कथित कदम के खिलाफ अखिल जनजातीय छात्र संगठन मणिपुर द्वारा ‘जनजाति एकजुटता रैली’ आयोजित किये जाने के बाद हिंसा बढ़ गई। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

प्रधानमंत्री बोले मणिपुर की घटना से 140 करोड़ देशवासी हुए शर्मसार

मणिपुर में हुई यौन हिंसा की वीभत्स घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मेरा हृदय पीड़ा से भरा है, क्रोध से भरा है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले, कितने हैं-कौन हैं, यह अपनी जगह है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे माताओं-बहनों की रक्षा करने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, हम राजनीतिक विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था और नारी के सम्मान का ध्यान रखें। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।’

मणिपुर की घटना पर भड़के चीफ जस्टिस

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वह पूरा तरह अस्वीकार्य है। सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक टकराव के क्षेत्र में महिलाओं को किसी चीज की तरह इस्तेमाल करना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह काफी परेशान करने वाला है। अगर सरकार इस घटना पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ जो भी कार्रवाई हो, उसके बारे में कोर्ट को पूरी जानकारी दी जाए। मीडिया में जो भी इस घटना के बारे में दिखाया गया और इस हिंसा के बीच महिलाओं का इस्तेमाल संवैधानिक लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस बारे में सभी कदमों की जानकारी दे। सीजेआई ने इस मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक टाल दी।

पुलिस ने मणिपुर यौन हिंसा के मुख्य आरोपी’ को किया गिरफ्तार

मणिपुर में हुई यौन हिंसा का वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई। यौन हिंसा की वीभत्स घटना में शामिल एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान 32 साल के खुयरूम हेरादास के तौर पर हुई है। खबर है कि 20 जुलाई की सुबह उसे थॉउबल जिले से अरेस्ट किया गया है। मणिपुर पुलिस का कहना है कि हेरादास ही घटना का मुख्य आरोपी है। आरोपियों को पकड़ने के लिए मणिपुर पुलिस ने कुल 12 टीमें गठित की हैं। बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है।

मुख्यमंत्री बोले दोषियों को दे सकते हैं मृत्युदंड

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर पुलिस ने कार्रवाई कर आज सुबह पहली गिरफ्तारी की है। फिलहाल मामले में गहन जांच चल रही है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाए।

पुलिस को दी गई थी ये शिकायत

पुलिस को दी गई शिकायत में गांव के मुखिया ने इस घटना का पूरा ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक 4 मई की दोपहर 3 बजे के आसपास लगभग 900-1000 लोगों की भीड़ उनके गांव ‘बी। फीनोम’ आई, जो संभवतः मैतेई संगठनों के लोग थे। उनके पास भारी मात्रा में ऑटोमैटिक हथियार थे। उन लोगों ने गांव के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट के बाद आग लगा दी थी।

भीड़ से जान बचाने के लिए 3 महिलाएं और 2 पुरुष जंगलों की तरफ भागे। उन्हें पुलिस की एक टीम बचाकर पुलिस स्टेशन ले जाने लगी, लेकिन एक भीड़ ने उन लोगों का रास्ता रोक लिया। हिंसक भीड़ पुलिस से जबरन इन पांच लोगों को छुड़ा ले गई। फिर 56 साल के एक आदमी को भीड़ ने वहीं मार डाला। 21 साल, 42 साल और 52 साल की तीन महिलाओं के कपड़े फाड़े और निर्वस्त्र करके जुलूस निकाला और इस सबका वीडियो भी बनाया।

इसके बाद ये भीड़ धान के खेतों की ओर गई, जहां 21 साल की लड़की का उसके 19 साल के भाई के सामने गैंगरेप किया गया। भाई ने जब अपनी बहन को बचाने की कोशिश की तो उसकी हत्या कर दी गई। बाद में तीनों महिलाएं कुछ लोगों की मदद से वहां से भाग निकलीं।