vijay divas 2022: आज पूरा देश विजय दिवस मना रहा है। हमारे देश में 16 दिसंबर को हर साल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दरसल 51 साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटा दी थी। इसी के साथ भारत ने पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान को भी आजादी दिलाई थी। जिसके बाद बांग्लादेश का उदय हुआ था। आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर 1971 की शाम करीब 5 बजे जनरल नियाजी ने 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया। उन्होंने अपने बिल्ले उतार दिए और रिवॉल्वर भी रख दी। उसी समय जनरल सैम मानिक्शॉ ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को फोन कर बांग्लादेश पर जीत की खबर बताई। इसके बाद इंदिरा गांधी ने ऐलान किया- “ढाका अब एक आजाद देश की आजाद राजधानी है।’ सिर्फ 13 दिन में ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को घुटनों पर ला दिया था। इसी लिए हर साल 16 दिसंबर भारत विजय दिवस के रूप में याद करता है।
बांग्लादेश पर भारत की जीत के बाद ही 16 दिसंबर को हर साल विजय दिवस मनाया जाता है। 1970 का साल खत्म हो रहा था। इस दौरान पाकिस्तान में आम चुनाव की शुरुआत हुई। इस चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान आवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर्रहमान ने अपनी लोकप्रियता साबित करते हुए जीत हासिल की और अपनी सरकार बनाने का दावा किया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता जुल्फिकार अली भुट्टो इससे सहमत नहीं थे। पश्चिमी पाकिस्तान पर शासन कर रहे लोगों को पूर्वी पाकिस्तान की दखल मंजूर नहीं थी। इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तनाव शुरू हो गया था। पाकिस्तान आवामी लीग ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का विरोध शुरू कर दिया था। पाकिस्तान आवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया। शेख की गिरफ्तारी से पू्र्वी पाकिस्तान के लोग भड़क उठे, उन्होंने पश्चिमी पाकिस्तान की सत्ता के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया। आंदोलन की इस आग को रोकने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में सेना भेज दी गई। सेना ने आम लोगों पर अत्याचार शुरू कर दिया। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी, लोगों की हत्याएं भी की गईं। ऐसें में पूर्वी पाकिस्तान से आम लोगों ने पलायन शुरू कर दिया। पूर्वी पाकिस्तान से भागकर लोग भारत आने लगे।
भारत में पूर्वी पाकिस्तान से भागकर आने वाले लोगों की संख्या लगाता बढ़ती जा रही थी। पूर्वी पाकिस्तान की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में लोग बड़ी संख्या में आ रहे थे। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 10 लाख लोगों ने उस वक्त भारत में शरण ली थी। ये वो दौर था जब भारत की इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। इसी बीच पाकिस्तान की तरफ से भारत पर हमले को लेकर बयान भी दिए जाने लगे थे। युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ, जब पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर बमबारी की। ये इतिहास के सबसे कम दिनों तक चलने वाले युद्धों में से एक है। ये केवल 13 दिन तक चला था और इन 13 दिनों में भारतीय सेना ने पाक को धूल चटा दी थी। इस युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। इस युद्ध के परिणाम से नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ।