Interim Budget vs Union Budget

Interim Budget vs Union Budget: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी 2024 को देश का अंतरिम बजट पेश किया। वैसे तो केंद्र सरकार हर साल बजट पेश करती है, तो फिर यह अंतरिम बजट क्या होता है और कब पेश किया जाता है, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है क्योंकि हर साल सरकार का पूर्ण बजट आता है, जो पूरे वित्त वर्ष के लिए होता है। दरसल अंतरिम बजट दो स्थितियों में पेश किया जाता है। एक या तो सरकार के पास पूर्ण या आम बजट पेश करने का समय नहीं हो। या फिर जिस साल लोकसभा चुनाव होने होते हैं, उस वर्ष कुछ महीनों के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो आम बजट पूरे साल का बजट होता है, जबकि अंतरिम बजट सिर्फ कुछ महीनों का। आम बजट में सरकार नई योजनाएं ला सकती है और टैक्स में बदलाव कर सकती है, जबकि अंतरिम बजट में ऐसा नहीं होता। आम बजट आर्थिक रोडमैप होता है, जबकि अंतरिम बजट सिर्फ जरूरी खर्चों को चलाने के लिए होता है।

चुनावी साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। चुनाव के बाद आने वाली नई सरकार को ही पूरे वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करने का अधिकार होता है। अंतरिम बजट में नई सरकार के गठन और फिर उसकी ओर से बजट पारित किए जाने तक खर्च की अनुमति होती है। इस बजट में नई सरकार के बजट आने तक खर्च और आय का ब्योरा दिया जाता है। यह नए बजट के आने तक के लिए एक अस्थायी प्रावधान होता है। इसी के चलते इसे अंतरिम बजट कहा जाता है। अमूमन 5 साल में एक बार अंतरिम बजट आता है। 2019 के आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट नहीं पेश कर पाए थे। उनके स्थान पर पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था क्योंकि अरुण जेटली का स्वास्थ्य खराब था।

इस बार का बजट, अंतरिम बजट इसलिए था, क्योंकि सरकार को कुछ महीने बाद चुनाव में जाना है। दोनों ही स्थितियों में सरकार नए कारोबारी साल के बचे हुए महीने के लिए खर्च की अनुमति संसद से लेती है। परंपरा के मुताबिक चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी। यह छठा मौका होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। हालाँकि यह उनका पहला अंतरिम बजट था। जैसा कि सभी जानते हैं कि अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होना संभावित है। ऐसे में नई सरकार बनने और नया बजट पेश होते-होते जुलाई का महीना आ जाएगा। अंतरिम बजट आम बजट से छोटा होता है। इसमें नई सरकार के गठन तक राजस्व और व्यय के अनुमान को प्रस्तुत किया जाता है। ताकि मार्केट में निवेशकों का भरोसा बना रहे। यह बजट तब तक लागू रहता है जब तक कि नई सरकार अपना नया पूर्ण बजट पेश नहीं कर देती है। अंतरिम बजट संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, इसीलिए उसे वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है। यह अब तक का 16वां अंतरिम बजट है।

यूनियन बजट यानि आम बजट

  • यूनियन बजट हर साल सरकार द्वारा पेश किया जाता है और यह पूरे साल के लिए देश का आर्थिक रोडमैप होता है।
  • इसमें सरकार बताती है कि वह आने वाले साल में कितना पैसा कमाएगी (आय) और कितना खर्च करेगी (व्यय)।
  • इसमें सरकार नई योजनाओं का ऐलान करती है, टैक्स में बदलाव ला सकती है और विभिन्न क्षेत्रों के लिए फंड आवंटित करती है।
  • यह आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे उन्हें पता चलता है कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि पर कितना खर्च करेगी।

अंतरिम बजट:

  • अंतरिम बजट सिर्फ खास परिस्थितियों में ही पेश किया जाता है। जैसे, जब लोकसभा चुनाव होने वाले होते हैं और नई सरकार का गठन नहीं हुआ होता है।
  • ऐसे में पुरानी सरकार जो काम शुरू कर चुकी होती है, उसे चलाने के लिए फंड की जरूरत होती है। इसलिए अंतरिम बजट में सिर्फ जरूरी खर्चों के लिए ही फंड आवंटित किया जाता है।
  • इसमें सरकार कोई नई योजनाएं नहीं लाती है और न ही टैक्स में बदलाव करती है।
  • यह सिर्फ कुछ महीनों का बजट होता है, जब तक कि नई सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर लेती।