World Vegetarian Day 2023: विश्व शाकाहारी दिवस (World Vegetarian Day) प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह दिवस शाकाहारी खानपान को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण और जीवों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व शाकाहारी दिवस आम तौर पर शाकाहारी भोजन और शाकाहारी होने के लाभों को बढ़ावा देने का एक अवसर है। दुनियाभर में हुए शोधों के बाद अब ज्यादातर लोग इस बात को मानने लगे हैं कि सेहत के लिए मांसाहार से बेहतर शाकाहार है।
कैसे हुई विश्व शाकाहारी दिवस की शुरुआत
बेहतर स्वास्थय और सोच के लिए लोग मांसहार की बजाय शाकाहार को प्रमुखता से अपने भोजन में अपनाएं, इस सोच को लेकर सबसे पहले 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहारी समाज (North American Vegetarian Society) ने 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहारी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की थी। जिसके एक साल बाद यानी 1978 में विश्व शाकाहारी यूनियन ने इस दिवस को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया। तब से हर साल विश्व शाकाहारी दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे अक्टूबर माह मे शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस मौके पर कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अलग-अलग प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिता और अभियानों के जरिए लोगों को मांसहार छोड़ शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित करती है।
भारत में हैं सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग
अगर दुनियाभर की बात करें तो पूरी दुनिया में 90 फीसदी लोग मांसाहारी है, दुनिया की सिर्फ 10 फीसदी आबादी ही शाकाहारी है, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। भारत में ज्यादातर लोग शाकाहारी भोजन खना पसंद करते है। यहाँ बीमार होने पर डॉक्टर फल और सब्जियां खाने की सलाह देते हैं, यानि शरीर को ठीक रखने के लिए वेजिटेरियन खाना खाना ज्यादा फायदेमंत होता है। शाकाहारी खाने में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते है, सब्जियां, फल, दालों और अनाज में विटामिन और मिनरल्स का भंडार है।
कितने प्रकार के हो सकते हैं शाकाहारी
आम तौर पर देखा जाये तो दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक मांसाहारी और दूसरा शाकाहारी। मांसाहारी यानी जो लोग भोजन में जानवरों का मांस, मछली इत्यादि का सेवन करते हैं। और शाकाहारी यानी जो लोग भोजन हरी सब्जियों, दालों, अनाज, सूखे मेवों और फलों का सेवन करते हैं। शाकाहारियों में भी कई श्रेणी है। जैसे कि वे लोग जो किसी भी तरह का मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज, शहद यहाँ तक कि दूध एवं दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन नहीं करते हैं। जैसे जैन समाज के लोग। हालाँकि ऐसे लोग बहुत कम ही होते हैं। दूसरे वे लोग होते हैं जो मांस, मछली, अंडा इत्यादि का सेवन नहीं करते हैं परन्तु लहसुन, प्याज, शहद, दूध एवं दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन करते हैं। अगर देखा जाये तो ज्यादातर शाकाहारी लोग इसी श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा आजकल वे लोग भी अपने आप को शाकाहारी मानने लगे हैं, जो मांस, मछली तो नहीं खाते हैं परन्तु अंडा खाते हैं।वैसे इस प्रकार के लोग ऐगिटेरियन की श्रेणी में आते हैं।
विश्व शाकाहार दिवस का उद्देश्य?
शाकाहारी आहार सब्जियों, बीज, फलियां, फल, नट्स और अनाज पर केंद्रित होता है। इसमें अंडे, डेयरी और शहद जैसे पशु उत्पाद भी शामिल होते हैं, जो किसी जानवर की मृत्यु या उसके मांस की खपत के बिना प्राप्त किए जाते हैं। विश्व शाकाहारी दिवस लोगों को पशु उत्पादों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पर्यावरणीय विचारों, पशु कल्याण और व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभों पर जोर देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन जानवरों के जीवन को बचाने और पृथ्वी को संरक्षित करने में मदद करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है।
शाकाहारी डाइट के फायदे
वजन कन्ट्रोल में रहता है
शाकाहारी डाइट आमतौर पर कैलोरीज में कम होती है लेकिन इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस चलते मांसाहारी डाइट के मुकाबले शाकाहारी डाइट से बेहतर तरह से वेट मैनेजमेंट (Weight Management) हो पाता है। फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से पेट लंबे समय तक भरा महसूस करता है और बार-बार भूख नहीं लगती है।
पाचन बेहतर होता है
फल, सब्जियों, दालों और पूर्ण अनाज वाली शाकाहरी डाइट से शरीर को अच्छी मात्रा में फाइबर मिलता है। इससे पाचन अच्छा रहता है और कब्ज (Constipation) जैसी दिक्कतें भी नहीं होती हैं।
इंफेक्शन का खतरा कम होता है
मांसाहारी डाइट में मीट होता है जिससे बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने की संभावना ज्यादा होती है। इससे उलट शाकाहारी डाइट में बैक्टीरिया का खतरा कम होता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि आप सब्जियां अच्छी तरह धोकर खाएं जिससे कम से कम टॉक्सिंस शरीर में आ सकें।
डायबिटीज में राहत
प्लांट बेस्ड डाइट में पाए जाने वाले पोषक तत्व और खनिज डायबिटीज में राहत दे सकते हैं। इनसे इंसुलिन लेवल बैलेंस होता है और ग्लूकोज लेवल्स भी सामान्य रहते हैं।