नोएडा : कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग गुरुवार (17 जून) से 24 जून तक शून्य से पांच वर्ष के बच्चों के लिए वजन सप्ताह का आयोजन करेगा। वजन सप्ताह का आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों, उपयुक्त सामुदायिक स्थलों पर किया जाएगा। वजन सप्ताह के दौरान वजन व लम्बाई, ऊंचाई मापते हुए सभी जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पोषण श्रेणी (अल्प वजन-आयु के अनुसार वजन, गंभीर अल्प वजन- वजन के अनुसार ऊंचाई, लम्बाई) के अनुसार एकत्रित की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया-पोषण स्तर में सुधार करने के लिए कुपोषण की सही समय से पहचान व प्रबंधन पोषण अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण रणनीति है। कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियां एवं उनसे होने वाली मृत्यु का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कुपोषण की सबसे गंभीर श्रेणी में सैम (अति कुपोषित), मैम (कुपोषित), गंभीर अल्प वजन के बच्चे आते हैं। इसके अतिरिक्त दिव्यांग बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा। उन्होंने बताया यदि किसी बच्चे का वजन उसकी आयु के मानक से कम होता है तो उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाता है। उसे चिकित्सक के पास भेजकर उपचार कराया जाता है। बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति ज्यादा खराब होने पर उन्हें जिला मुख्यालय पर बने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाता है।
संभव अभियान: एक जुलाई से दो अक्टूबर तक पोषण संवर्धन की ओर एक कदम – “संभव” अभियान चलाया जाएगा। वजन सप्ताह में चिन्हित किए गये सैम, मैम, गंभीर अल्प वजन बच्चों के लिए सघन सामुदायिक गतिविधियां (जैसे साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सीय उपचार, पोषण पुनर्वास केन्द्र, चिकित्सा इकाई में संदर्भन) आयोजित की जाएंगी। तीन माह के अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम, मैम, गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है। इसके लिए 20—25 सितम्बर के मध्य दोबारा वजन सप्ताह का आयोजन करते हुए प्रगति का निर्धारण किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कुपोषण की रोकथाम एक समग्र रणनीति से ही संभव है, इसलिए कुपोषित बच्चों के साथ-साथ पोषण प्रोत्साहन की अन्य थीम पर भी जनजागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। अभियान के तहत जुलाई माह में मातृ पोषण, अगस्त माह में जीवन के पहले 1000 दिन, सितम्बर में सैम,मैम का उपचार (पोषण माह के साथ-साथ) किया जाएगा। उन्होंने बताया अभियान की समाप्ति पर पोषण की श्रेणी में आये हुए बदलाव का आंकलन किया जाएगा। जनपद से तीन आंगनबाड़ी, तीन मुख्य सेविका तथा तीन बाल विकास परियोजना अधिकारी को पुरस्कृत किया जाएगा।