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नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने आज 15 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। धोनी ने इंस्टाग्राम पर इसका ऐलान किया है। पूरी दुनिया में कैप्टन कूल के नाम से प्रसिद्ध 39 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया। हालाँकि वे आईपीएल खेलते रहेंगे। धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से तो 2014 में ही संन्यास ले लिया था लेकिन अब उन्होंने वनडे और टी-20 सहित सभी तरह के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप में खेला था।

मूलरूप से उत्तराखंड अल्मोड़ा के रहने वाले महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 07 जुलाई 1981 को रांची, झारखंड में हुआ था। महेंद्र सिंह धोनी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर के सफर का आगाज 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश में हुआ था। धोनी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। वे अपने पहले ही एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की पहली गेंद में शून्य पर रन आउट हो गए थे। धोनी ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ की थी। इस मैच की पहली पारी में धोनी ने मात्र 11 रन बनाए थे। यही नहीं धोनी अपने पहले टी-20 इंटरनेशनल मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। परन्तु धोनी की पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 148 रनों की धुंआंधार पारी ने उनकी पूरी किस्मत बदल दी। इसी पारी में पहली बार धोनी का हैलीकॉप्टर शॉट देखने को देखने को मिला था।

हालाँकि धोनी के क्रिकेट करियर में असली बदलाव साल 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में आया, जब सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरभ गांगुली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने खुद को इससे अलग रखने का फैसला किया गया। और BCCI ने धोनी को टीम इंडिया की कमान सौंपी दी। धोनी ने इस मौके का भरपूर लाभ उठाते हुए कप्तानी में भारत की एक युवा टीम को पहले ही टी-20 वर्ल्ड कप दिला दिया। इसके बाद तो धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। टी-20 वर्ड कप में उनकी जबरदस्त कप्तानी को देखते हुए कुछ समय बाद BCCI ने उन्हें पहले वन डे और फिर भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी भी सौंप दी। और देखते ही देखते धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।

धोनी की कप्तानी में भारत ने साल 2011 में 28 साल बाद वन डे क्रिकेट में दूसरी बार विश्व विजेता बना। वर्ड कप फाइनल में धोनी ने जबरदस्त पारी खेलते हुए श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर भारत 28 साल बाद दूसरा विश्व कप दिलाया। विनिंग शॉट भी उनके ही बल्ले से निकला था। इसके दो साल बाद 2013 में धोनी की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रोफी पर भी कब्जा किया। जिसके बाद धोनी भारत के पहले कप्तान बने जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्रोफी में टीम इंडिया को जीत दिलाई। यही नहीं धोनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट रैंकिंग में भी नंबर वन पर पहुंचाया।

आईपीएल में अभी भी बरकरार है धोनी का जलवा

आईपीएल में भी धोनी का दम दिखा। उनकी टीम चेन्नै सुपर किंग्स अब तक हर सीजन के अंतिम चार में पहुंची है और उसने तीन बार खिताब जीता है। धोनी साल 2008 से ही चेन्नै सुपर किंग्स के साथ हैं। दो साल तक जब उनकी टीम आईपीएल में शामिल नहीं रही तब वह राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स के लिए खेले।

‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4,876 रन बनाए। धोनी ने 350 वनडे इंटरनेशनल खेले हैं, जिनमें उन्होंने 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए हैं। धोनी ने भारत के लिए 98 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1,617 रन बनाए हैं। धोनी ने 30 दिसंबर 2014 को टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया था। इसके बाद उन्होंने 4 जनवरी 2017 को वनडे और टी-20 से कप्तानी छोड़ी। और आज 15 अगस्त को इस महान क्रिकेट और नेक दिल इन्सान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया है। इस तरह आज क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया।

ये हैं धोनी 16 साल के क्रिकेट करियर के कुछ रिकॉर्ड्स जिन्हें तोड़ना होगा मुश्किल

वैसे तो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने अपने 16 साल के क्रिकेट करियर के दौरान कई रिकॉर्ड बनाए हैं। परन्तु धोनी के नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स, जो शायद ही कभी टूट पाएंगे।

  1. महेंद्र सिंह धोनी ने बतौर कप्तान तीनों आईसीसी ट्रॉफी (2007 में टी-20 विश्व कप, 2011 में एकदिवसीय विश्व कप तथा 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी) में टीम इंडिया को जीतकर दिलाकर इतिहास रचा है अबतक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में कोई भी अन्य कप्तान यह कारनामा नहीं कर सका है।
  2. महेंद्र सिंह धोनी टी-20 वर्ड कप में एक टीम का नेतृत्व करने वाले विश्व के इकलौते खिलाड़ी हैं। जो कि बेहद मुश्किल काम है क्योंकि इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए किसी खिलाड़ी को कम से कम 10-12 साल तक उस टीम का कप्तान होना जरूरी है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग का रिकॉर्ड भी धोनी के नाम है। एमएस धोनी की स्टंपिंग स्पीड लगभग 06-0.09 सेकंड है।
  4. 10 साल तक टीम इंडिया की कप्तानी करने वाले एमएस धोनी ने 331 मैचों में टीम का नेतृत्व किया है. जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. धोनी के बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने 324 मैचों में अपने देश की टीम का नेतृत्व किया है। धोनी ने 331 मैचों में से 178 मैचों में जीत हासिल की है, उनका जीत का प्रतिशत 61 है।
  5. धोनी ICC ODI रैंकिंग में नंबर 1 स्थान प्राप्त करने वाला सबसे तेज खिलाड़ी हैं। 42 पारियों के अंत में, एमएस धोनी पहले ही एकदिवसीय बल्लेबाजों की रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंच गए थे, इस प्रकार वह ऐसा करने वाले सबसे तेज खिलाड़ी बन गए।
  6. छक्के के साथ मैच खत्म करने की जो काबिलियत महेंद्र सिंह धोनी में थी वह शायद ही दुनिया के किसी अन्य क्रिकेटर में कभी देखने को मिलेगी। महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 9 बार छक्का मारकर टीम इंडिया को मैच जिताया है। जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसमें साल 2011 का वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल भी शामिल है। अनहोनी को होनी करने की कला सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी को ही आती थी।
  7. धोनी का नाम विश्व क्रिकेट जगत के सबसे बेहतरीन मैच फिनिशरों में शुमार हैं। 47 बार ऐसा हुआ है जब धोनी टीम इंडिया को मैच जिताकर नॉटआउट वापस लौट। इसके साथ ही रन चेज के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने कुल 51 मुकाबले खेले हैं। जिसमें से भारत को 47 बार जीत मिली है, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है। धोनी ने एकदिवसीय मुकाबलों में रनों का पीछा करते हुए 102.71 की बेहतरीन औसत से रन बनाए हैं।