Ballia extortion case: उत्तर प्रदेश के बलिया में यूपी-बिहार बॉर्डर पर नरही थाना इलाके स्थित भरौली पिकेट और कोरंटाडीह चौकी पर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। दो पुलिसवालों की गिरफ्तारी के बाद बलिया के पुलिस अधीक्षक और एएसपी पर भी गाज गिर गई है। एसपी और एएसपी को पद से हटाया है। उनको पदस्थापन न देते हुए प्रतीक्षा सूची में रख दिया गया है। इनके अलावा नरही के सीओ, एसएचओ पर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। एसओ समेत 18 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए हैं। सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही सीओ और एसएचओ के संपत्ति की जांच स्पेशल विजिलेंस टीम से कराया जायेगा।

तड़के सुबह छापेमारी में अवैध वसूली का हुआ खुलासा

दरसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर बलिया के नरही थाना क्षेत्र में हर दिन ट्रकों से एक थाना 15 लाख वसूल रहा था। इस भंडाफोड़ से पहले बुधवार की रात वाराणसी के एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया और आजमगढ़ के डीआईजी रेंज वैभव कृष्ण ने 22 पुलिस कर्मियों की पांच टीम के साथ एक घंटे तक रेकी की।

जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात नौ बजे पुलिस की तीन टीम लेकर डीआईजी आजमगढ़ से और एडीजी जोन दो टीम लेकर वाराणसी से निकले थे। रात एक बजे टीम भरौली तिराहा पहुंची, मगर तय योजना के अनुसार एक भी वाहन नहीं रुका और बक्सर की ओर बढ़ गए। तय किया गया था कि अवैध वसूली करने वालों को रंगेहाथ पकड़ा जाएगा।

बक्सर की ओर से वापस आते समय रात दो बजे पुलिस टीमें फिर भरौली तिराहा पहुंची। पुलिस टीम ने देखा कि एक सिपाही बक्सर की ओर से आ रहे बालू लदे ट्रकों से पैसा ले रहा था तो उसे पकड़ लिया गया। भरौली तिराहा पर पकड़े गए सिपाही ने पुलिस को बताया कि जो वाहन गाजीपुर की ओर जाते हैं, उनसे नरही थाने की पुलिस कोरंटाडीह चौकी पर अवैध वसूली करती है।

इस सूचना पर डीआईजी, एडीजी जोन और एक इंस्पेक्टर एक ट्रक में भरौली तिराहा से सवार हुए। पांच किलोमीटर चलने के बाद कोरंटाडीह चौकी के सामने सादे कपड़ों में दो लोग ट्रकों से वसूली करते दिखे। उनका ट्रक भी पहुंचा तो उसे रुकवा कर 500 रुपये की मांग की गई। इस पर वह, एडीजी जोन और इंस्पेक्टर ट्रक से कूद कर एक सिपाही को पकड़ लिया। छापा मारने के लिए गई टीम में 90 फीसदी स्टाफ आजमगढ़ का था। दबिश के दौरान लगभग 25 मोबाइल, 14 बाइक और 37500 रुपये भी बरामद किए गए हैं। दरअसल, पुलिस की ओर से यूपी-बिहार बार्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। वसूली कांड में शामिल सात पुलिसकर्मियों के साथ ही दलालों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

 रोज आते हैं 3,000 ट्रक, हर एक से 500 की वसूली, रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली

जिले के बिहार बार्डर से सटे थाने सबसे मलाईदार माने जाते हैं। इसमें नरहीं थाना पहले नंबर पर आता है। यहां के वर्तमान प्रभारी पन्नेलाल यहां लगभग दो साल से तैनात थे। लेकिन इस प्रकरण में सस्पेंड हो गए। पन्नेलाल के बारे में कहा जाता है उन्हें जल्दी कोई थाने से हिला नहीं पाता है। हमेशा किसी न किसी थाने पर तैनात रहते हैं। लाइन में उनको कम ही देखा गया है।

बक्सर में नया पुल बनने के बाद बालू लदे ट्रकों की आमद बढ़ गई है। बक्सर पुल से होकर रोजाना दो से तीन हजार ट्रक गुजरते थे। प्रति ट्रक 500 रुपये की वसूली की जाती थी। ऐसे में रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली होती थी। क्या ये पूरा पैसा नरहीं थाने का स्टाफ अकेले पचा जाता था, ये बात किसी के गले नहीं उतरती है। जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने फंसने से बचने के लिए ट्रकों से अवैध वसूली के लिए दलालों को रख दिया था। 500 रुपये या उससे कुछ अधिक की वसूली हर ट्रक से होती थी। ऐसे में रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली हो रही थी। दलाल हर ट्रक के 100 रुपये के हिसाब से अपने पास रखता था। बाकी राशि पुलिस को मिल जाती थी।

हर एक सामान का दाम फिक्स

यूपी से तस्करी होकर अवैध रूप से शराब और पशु भी बिहार ले जाए जाते थे। इनके रेट अलग थे। सूत्रों के अनुसार शराब तस्करी के पैसे थाने के कारखास वसूलते थे। वहीं, पशु तस्करी के पैसे की वसूली बक्सर के किसी होटल में होती थी।

वसूली को लेकर भरौली पुलिस पिकेट पर कई बार मारपीट भी हुई है। पुलिस ने दो नोटबुक बरामद की हैं, जिसमें पास किए ट्रक की जानकारी हैं। दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे।

थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी और पांच पुलिसकर्मियों समेत 23 पर एफआईआर

डीआईजी ऑफिस में तैनात निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह और पांच अन्य पुलिसकर्मियों सहित 23 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिनपर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें थाना प्रभारी नरही पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश प्रभाकर, नरही के सिपाही हरिदयाल सिंह, विष्णु यादव, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, कोरंटाडीह के सिपाही सतीश गुप्ता, भरौली के रविशंकर यादव, कोटवा नरायनपुर के विवेक शर्मा, भरौली के जितेश चौधरी, अर्जुनपुर बिहार के विरेंद्र राय, कथरिया के सोनू सिंह, भरौली के अजय पांडेय, सारिमपुर बिहार के विरेंद्र सिंह यादव, भरौली के अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, अमांव के धर्मेंद्र यादव, चंडेश बिहार के विकास राय, भरौली के हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद ठाकुर, राजापुर गाजीपुर के दिलीप यादव का नाम है।

ये पुलिसकर्मी हैं फरार

कुल 23 नामजद आरोपियों में 18 गिरफ्तार हो चुके हैं। पांच फरार है। इसमें थाना प्रभारी पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राकेश प्रभाकर, सिपाही विष्णु यादव, दीपक मिश्रा और बलराम सिंह फरार है। विवेचना सहायक पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को दी गई है।

 ये हुए निलंबित

थाना नरही

1.थानाध्यक्ष पन्नेलाल

2.एसआई मंगला प्रसाद

3.मुख्य आरक्षी विष्णु यादव

4.सिपाही हरिदयाल सिंह

5.सिपाही दीपक मिश्रा

6.सिपाही बलराम सिंह

7.सिपाही उदयवीर

8.सिपाही प्रशान्त सिंह

9.चालक ओम प्रकाश

 चौकी कोरंटाडीह

10.प्रभारी राकेश प्रभाकर

11.मुख्य आरक्षी चन्द्रजीत यादव

12.मुख्य आरक्षी औरंगजेब खां

13.सिपाही परविन्द यादव

14.सिपाही सतीश चन्द्र गुप्ता

15.सिपाही पंकज कुमार यादव

16.सिपाही ज्ञानचन्द्र

17.सिपाही धर्मवीर पटेल

आवासों को किया गया सील

थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह एवं संलिप्त सिपाहियों के आवासों को सील कर दिया गया है, ताकि बाद में इसकी जांच की जा सके।