नोएडा : कोविड से सुरक्षा के लिए बड़ों और बुजुर्गों के बाद अब बच्चों का टीकाकरण शुरू हो गया है। बुधवार से 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ, इसका विधिवत शुभारंभ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील दोहरे ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौला पर किया। जनपद में पहले दिन 100 बच्चों ने कोविड रोधी टीका लगवाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- जनपद में 12 से 14 साल की उम्र के करीब एक लाख बच्चे हैं। फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौला, दादरी, दनकौर और जेवर पर टीकाकरण शुरू किया गया है। इन केन्द्रों पर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक टीकाकरण कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने इस उम्र के बच्चों के अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों का जल्दी से जल्दी टीकाकरण करा कर उन्हें कोविड से बचाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया 12 से 14 साल के बच्चों को कोविडरोधी वैक्सीन कोर्बेवैक्स लगायी जा रही है। मेरठ से वैक्सीन प्राप्त हो गयी है और  जरूरत के हिसाब से मंगायी जाती रहेगी। उन्होंने बताया पहले दिन सीधे टीकाकरण केन्द्र पर पहुंचे बच्चों को ही टीका लगाया जा सका। उन्होंने बताया सन् 2008, 2009 और 15 मार्च 2010 तक पैदा हुए बच्चों का टीकाकरण होगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वह कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं। उन्होंने बताया अभी शासन की ओर से लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। फिलहाल विभाग एक लाख बच्चों का लक्ष्य मान कर चल रहा है।

आयु प्रमाण पत्र जरूरी

डा. दोहरे ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि बच्चों को टीका लगवाने आते समय बच्चे का जन्मप्रमाण लाना न भूलें। टीकाकरण के लिए आयु प्रमाण पत्र होना बहुत जरूरी है।

स्कूलों में भी बनेंगे टीकाकरण केन्द्र

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के अनुसार शीघ्र ही सरकारी और निजी स्कूलों में टीकाकरण केन्द्र बनाए जाएंगे। विभाग इसके लिए तैयारी कर रहा है। 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों के टीकाकरण में स्कूलों की मदद ली गयी थी, इसी तरह 12-14 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण में भी स्कूलों की मदद ली जाएगी।

अभिभावक उत्साहित

12 से 14 साल की उम्र के बच्चों को टीका लगाए जाने से अभिभावक उत्साहित हैं। खेतान स्कूल में मपढ़ने वाले 13 साल के आदित्य की मां वंदना सक्सेना ने कहा टीकाकरण होने से उनकी बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा। बिना प्रतिरक्षण के बच्चे को स्कूल भेजने में डर लगा रहता था। टीका लगने के बाद अब आदित्य को बेखौफ स्कूल भेज सकेंगे।