ग्रेटर नोएडा में सार्वजनिक परिवहन के अंतर्गत रोडवेज प्रमुख रूटों पर बसें चला रहा है। इन बसों के संचालन में घाटे की भरपाई (वायबिलिटी गैप) ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहन करता है। सीईओ ने मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक एसी बसें चलवाने का सुझाव दिया, जिस पर मंत्री ने हामीं  भर दी है। अब प्राधिकरण इसके लिए प्रस्ताव तैयार करेगा।

दिल्ली से कोलकाता फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ेगी डबल ड्रेकर टेन

परियोजनाओं के प्रस्तुतिकरण के दौरान सीईओ ने मंत्री के समक्ष दिल्ली से मुंबई व दिल्ली से कोलकाता के बीच फ्रेट कॉरिडोर पर भी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सीईओ ने मंत्री को बताया कि दिल्ली से कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर डबल डेकर ट्रेनें दौड़ेंगी। ग्रेटर नोएडा के न्यू दादरी से यह कॉरिडोर शुरू हो रहा है। न्यू दादरी स्टेशन पर ही पूर्वी व पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर मिल रहे हैं । सीईओ ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के भविष्य के लिए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब प्रोजेक्ट अद्वितीय होंगे। बता दें कि 310 हेक्टेयर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और 136 हेक्टेयर एरिया में  मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बन रहे हैं। इसके अलावा सीईओ ने आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को और सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ही ई-सर्विलांस सिस्टम अपनाने की बात कही।

शमन नीति लागू करने पर विचार-विमर्श

सीईओ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में पहले से बस चुकीं अवैध कॉलोनियों के घरों से शुल्क लेकर नियमित करने का भी प्रस्ताव रखा। मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। इन कालोनियों को रेगुलराइज्ड करने से लोगों को मालिकाना हक मिल जाएगा और प्राधिकरण को भी आमदनी हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टरों के नाम बदलने का भी प्रस्ताव सीईओ ने मंत्री के समक्ष रखा। ये नामकरण सहज व सरल तथा जनरुचि के अनुरूप किए जाएंगे।

डाटा सेंटर का हब बन रहा ग्रेटर नोएडा

सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने मंत्री को बताया कि ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर के हब के रूप में उभर रहा है। देश का सबसे बड़ा योट्टा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में बन रहा है। दूसरा डाटा सेंटर एनटीटी है। दोनों डाटा सेंटरों से  ग्रेटर नोएडा में 10,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो रहा है। इसके साथ ही विदेशों के विश्वविद्यालय के कैंपस ग्रेटर नोएडा में भी खुलवाने के लिए प्राधिकरण

चार मूर्ति चौक की सभी सर्विस रोड होंगी और चौड़ी

समीक्षा बैठक में सीईओ ने मंत्री के समक्ष आगामी परियोजनाओं का भी खाका खींचा। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चारमूर्ति चौक पर अंडर पास बनाने के साथ ही चारों ओर सर्विस लेन को और चौड़ा किया जाएगा, ताकि अंडरपास के निर्माण के दौरान वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी न हो। ग्रेटर नोएडा में 54000 स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं, जिसमें से 37000 स्ट्रीट लाइटें अब तक एलईडी में कन्वर्ट कर दी गई हैं।  ग्रेटर नोएडा में तीन जगह पर फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। इनके टेंडर जारी हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण के दफ्तर का निर्माण कार्य और  तीव्र गति से कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में सात जगहों पर वेंडर मार्केट बनाए जाने हैं, जिनमें से पांच जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कूडे़ के निस्तारण के लिए ग्रेटर नोएडा को 5 जोन में बांटा गया है। हर जोन का कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। उन सेक्टरों का कूड़ा वहीं निस्तारित किया जाएगा, सिर्फ इनर्ट वेस्ट को ही लैंडफिल साइट पर ले जाने की जरूरत होगी। मंत्री ने किसानों से बातचीत कर गतिरोध को दूर करके गंगाजल परियोजना को शीघ्र  पूरा करने के निर्देश दिए।

ई-फाइल से पेपर व समय की हुई बचत

औद्योगिक विकास मंत्री ने वन मैप ग्रेटर नोएडा का प्रस्तुतिकरण देखा। मंत्री ने प्राधिकरण के इस पहल की सराहना की। सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में ई-फाइल सिस्टम लागू है। सारी फाइलें ऑनलाइन स्वीकृति की जाती हैं।  इससे फाइलों के डिस्पोजल में तेजी आई है। इससे पेपर व समय की बचत हुई है। ईआरपी के जरिए आवंटी 143 सेवाओं का लाभ खुद से ले सकेंगे। आधा दर्जन सेवाओं से इसकी शुरुआत हो चुकी है। मसलन नो ड्यूज सर्टिफिकेट को आवंटी खुद से प्रिंट कर सकता है। मंत्री ने बाकी सेवाओं को शीघ्र जोड़ने के निर्देश दिए।