e-waste of Greater Noida

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में ई-वेस्ट को वैज्ञानिक पद्धति से प्रोसेस कराने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है। ई-वेस्ट के निस्तारण के लिए प्राधिकरण ने ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) निकाला था, जिसमें पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण ने इनको सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को पांच कंपनियों ने प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुतिकरण भी दे दिया है। सूचीबद्ध हो जाने के बाद ग्रेटर नोएडावासी अपने पुराने लैपटॉप, मोबाइल, चार्जर जैसे बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक्स सामान इन कंपनियों को दे सकेंगे। इसके एवज में पैसे भी मिलेंगे। प्राधिकरण की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के रेट तय कर दिए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा की स्वच्छता के लिए प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है। घरेलू वेस्ट के साथ ही अब प्राधिकरण ई-वेस्ट को वैज्ञानिक पद्धति से प्रोसेस कराने के लिए प्रयासरत है, ताकि पर्यावरण को ई-वेस्ट के प्रभाव से बचाया जा सके। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने ई-वेस्ट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाला, जिसमें पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की ओएसडी गुंजा सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और प्रबंधक संध्या सिंह की मौजूदगी में सोमवार को प्रस्तुतिकरण हुआ, जिसमें पांच कंपनियों ने हिस्सा लिया। प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि इनके प्रस्तुतिकरण के आधार पर ई-वेस्ट को कलेक्ट करने और अपने प्लांट पर ले जाकर प्रोसेस करने के लिए इन कंपनियों को अनुबंधित किया जाएगा। सूचीबद्ध की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन कंपनियों की डिटेल प्राधिकरण के संपर्क नंबर व ई-वेस्ट की दरें वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी जाएंगी। ग्रेटर नोएडा के निवासी अपने ई-वेस्ट को निस्तारित कराने के लिए इन कंपनियों से संपर्क कर सकेंगे। प्राधिकरण इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के प्रयास में जुटा है।