Archana Bisht ISRO Scientist : उत्तराखंड की बेटी अर्चना बिष्ट ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल ब्लॉक के हिलोगी गांव की रहने वाली अर्चना बिष्ट का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वैज्ञानिक पद पर हो गया है। अर्चना ने अपनी इस उपलब्धि से प्रदेश का नाम रोशन किया है। अर्चना के दादा मोहन सिंह बिष्ट एवं नाना महीपाल सिंह नेगी फौज में रह चुके हैं। जिनसे अर्चना ने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा हासिल की। बचपन से ही अर्चना का सपना इसरो में जाने का था
वर्तमान में अर्चना का परिवार गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहता है। अर्चना ने गाजियाबाद के ब्लूम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं में टॉप करने के बाद वर्ष 2016 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर आफ मैथमेटिक्स ऑनर्स कंप्लीट किया। उसके बाद 2018 में बीएचयू से मास्टर्स डिग्री पूरी करने के बाद इसी वर्ष उनका चयन IIT रुडकी में पीएचडी के लिए हो गया।
हालाँकि अब उनका इसरो में चयन हो गया है तो वह पीएचडी नहीं करेंगी। अर्चना ने बताया कि पिछले 2 साल के लाकडाउन में उन्होंने इसरो परीक्षा के लिए खूब मेहनत की। जिसकी वजह से पेपर उन्हें बहुत ज्यादा कठिन नहीं लगा। अर्चना बिष्ट ने मैथ्स वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया। जिस स्कूल से उन्होंने 12वीं में टॉप किया, उस स्कूल में अर्चना बिष्ट का भव्य स्वागत करते हुए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अर्चना बिष्ट ने स्कूल के सभी बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि यदि सभी छात्र छात्राएं मेहनत से पढ़ाई करें और एक टारगेट बना लें तो कोई मुश्किल बात नहीं है।
अर्चना के दादा मोहन सिंह बिष्ट और नाना महीपाल सिंह नेगी फौज में थे जिनसे उन्हें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। अर्चना ने अपनी सफलता का श्रेय पिता विनोद सिंह बिष्ट और मां वीना बिष्ट समेत सभी परिजनों व शिक्षकों को दिया।