Doctors on strike: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर में डॉक्टर आक्रोशित हैं। ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले को लेकर देशभर में डॉक्टर आज से 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से पूरे देश के डॉक्टरों से इस दौरान सेवाएं नहीं देने का आह्वान किया गया है। इसका व्यापक असर दिख रहा है। देश के अधिकांश राज्यों के अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बाधित है। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक भी इसके समर्थन में बंद हैं। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूरी चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है।
उत्तराखंड-यूपी में डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, OPD बंद
कोलकाता की घटना के विरोध में उत्तराखंड तथा यूपी में सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर (Doctors) 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। Doctors शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। उत्तराखंड में हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, श्रीनगर, चमोली, उत्तकाशी समेत सभी जिलों के अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप हैं। हालांकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी के लिए डॉक्टरों की सेवाएं यथावत हैं। संघ ने सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें सरकार के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने सरकार को अवगत कराया कि प्रदेश के जिला, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे सेवाएं देते हैं। लेकिन, रात्रि ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय नहीं है। अस्पतालों में ड्यूटी रूम तक नहीं है।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री सतीश चंद्र पांडेय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शनिवार को देशव्यापी ओपीडी का कार्यबहिष्कार करने का निर्णय लिया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट ने समर्थन किया। सभी फार्मासिस्ट भी काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
लखनऊ में डॉक्टरों की हड़ताल का व्यापक असर, अस्पतालों से हताश होकर लौट रहे मरीज
शनिवार को यूपी के सभी जिलों में डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है। राजधानी लखनऊ में भी सभी चिकित्सा संस्थानों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। हजरतगंज स्थित डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल वीवीआईपी माना जाता है। एक तरफ मुख्यमंत्री आवास, उपमुख्यमंत्री आवास व राज्यभवन स्थित है। दूसरी तरफ विधानसभा स्थित है। यहां भी हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को ही सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने काला फीता बांध कर ओपीडी में मरीजों को देखा था। शनिवार को ओपीडी बहिष्कार किया है। वहीं, सीनियर डॉक्टर ओपीडी में मरीज को देख रहे हैं। बलरामपुर अस्पताल में भी ओपीडी का बहिष्कार है। अस्पताल में मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं, लेकिन हताश होकर लौट रहे हैं। पीजीआई में इलाज करने के लिए प्रदेश भर से मरीज पहुंचते हैं। शनिवार सुबह जब मरीज इलाज करने के लिए पहुंचे तो जानकारी मिली कि डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे हैं, पर्चा नहीं बन रहा है। पीजीआई से मरीज लौटाए जा रहे हैं। पिछले कई दिनों केजीएमयू में प्रदर्शन चल रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि हमें न्याय चाहिए है। इसको लेकर कानून बनाया जाए। सिर्फ एफआईआर से कुछ नहीं होगा। लोहिया अस्पताल में लगातार प्रदर्शन चल रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर सड़क पर उतर आए हैं। हालांकि, बीते दिन लोहिया संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को लिखित ज्ञापन सौंपा था।
यूपी के पीलीभीत में शनिवार को सुबह राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित जिला अस्पताल (hospital) में जूनियर व सीनियर रेजीडेंट डाक्टर (Doctors) पहुंचे लेकिन वे ओपीडी के अपने अपने कक्षों में नहीं गए बल्कि OPD में तालाबंदी करा दी गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के राष्ट्रीय आह्वान पर जनपद के 42 नर्सिंग होम, 150 क्लीनिक समेत निजी क्षेत्र की सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। आगरा (Agra) में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), आगरा की शनिवार सुबह छह बजे से 24 घंटे की हड़ताल शुरू हो गई।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल के डॉक्टरों ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप व मर्डर की घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अगुवाई में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन एमबीबीएस के इंटर्नशिप डॉक्टरों और छात्रों के साथ मिलकर शांतिपूर्वक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान लगभग 300 डॉक्टर समेत छात्र मौजूद रहे।