Uttarakhand Public School Noida Sealed: नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सोमवार को सील कर दिया। नोएडा प्राधिकरण के नोटिस भेजने के बावजूद जब स्कूल की तरफ से करोड़ों का बकाया जमा नहीं कराया गया, जिसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस स्कूल पर सीलिंग की कार्रवाई की।
नोएडा प्राधिकरण का आरोप है कि 1991 में स्कूल के लिए जमीन अलॉट हुई थी, जिसका करीब 15 करोड़ रुपया बकाया है जो अभी तक जमा नहीं किया गया। सेक्टर-56 के ई-1ए के 3549 वर्गमीटर भूखंड पर स्कूल का निर्माण किया गया है। भूखंड का आवंटन उत्तराखंड जन कल्याण परिषद के नाम से 1991 का है। 1992 में कब्जा लिया गया। इस दौरान 20 प्रतिशत पैसा जमा किया गया। 80 प्रतिशत के लिए किस्त बनाई गई। लेकिन एक बार भी पैसा जमा नहीं किया गया। बकाया के संबंध में प्रबंधन को 11 अगस्त को 2020 को अंतिम नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद प्राधिकरण ने 3 सितंबर 2020 में भूमि आवंटन रद्द कर दिया था। लेकिन कोविड महामारी के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि इससे पहले 14 मार्च 2023 और 6 अप्रैल 2023 को भी कब्जा वापस करने के लिए पत्र दिए गए। लेकिन कब्जा वापस नहीं किया गया। 21 अप्रैल 2023 को कब्जा वापस करने के लिए नोटिस जारी कर तीन दिन का समय दिया गया। जिसके बाद 24 अप्रैल को प्राधिकरण ने स्कूल को सील कर दिया गया।
सीलिंग की जानकारी जैसे ही पेरेंट्स को हुई वो स्कूल पहुंचे और उन्होंने जमकर हंगामा किया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। मौजूदा समय में करीब 1500 बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं। ऐसे में अगर स्कूल नहीं खुलेगा तो उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा। पुलिस ने हंगामा कर रहे अभिभावकों को शांत कराया।
वहीँ अभिभावकों का कहना है कि कल हम प्राधिकरण जाकर सीईओ (CEO) रितु माहेश्वरी से मिलेंगे और बताएंगे की स्कूली मालिकों के साथ चाहे जो करो, लेकिन हमारे बच्चों का भविष्य न खराब हो इसका बात पर ध्यान जरूर दें, क्योंकि अब तो उनका एडमिशन भी कहीं नहीं होगा।
1500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं स्कूल में
स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त 12वीं कक्षा तक का है। इसमें करीब 1500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते है। हाल ही में नए स्टूडेंट के दाखिले भी यहां हुए है। पेरेंट्स का आरोप है स्कूल प्रबंधन और प्राधिकरण दोनों ने ही हमको अंधेरा में रखा। बिना जानकारी दिए ही स्कूल को सील कर दिया। पैरेंट्स ने कहा कि उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अब उनको कौन दाखिला देगा। इसको लेकर डीएम से भी मदद की गुहार लगाने की तैयारी अभिभावक कर रहे है।