Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा की तरह ही ग्रेनो वेस्ट में भी कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसबिलिटी फंड से जल्द ही बर्तन बैंक खुलवाया जाएगा। सीईओ रितु माहेश्वरी ने ग्रेटर नोएडा में ई-वेस्ट के लिए कलेक्शन और प्रोसेसिंग के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएंडडी वेस्ट, अस्तौली की लैंडफिल साइट, एमआरएफ केंद्रों की भी समीक्षा की।
क्या है बर्तन बैंक?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए बर्तन बैंक खोलने की मुहिम शुरू की है। आपको बताते हैं कि बर्तन बैंक क्या है? दरसल बर्तन बैंक में निःशुल्क स्टील के बर्तन (प्लेट, ग्लास तथा एक चम्मच का एक सेट) प्रदान किए जाते हैं। शादी हो, भंडारा हो या फिर घर में बर्थडे हो, अब किराए पर स्टील के बर्तन लाने कि चिंता नहीं रहती है। जरूरतमंद बर्तन बैंक से निशुल्क बुकिंग कराकर बर्तन प्राप्त कर सकते हैं। बुकिंग के समय 100 रुपये पंजीकरण राशि देनी होती है, जो कि बर्तन वापस करने पर रिफंड हो जाएगी। बर्तनों की बुकिंग हेतु आवेदक को न्यूनतम 24 घंटे पूर्व आवेदन करना होगा। बर्तन बैंक से बर्तन प्राप्त करने हेतु उपभोक्ताओं को आधार कार्ड, पैन कार्ड तथा मतदाता पहचान पत्र में से किन्हीं दो पहचान पत्रों को जमा करना होगा। बर्तनों के प्रयोग के पश्चात बर्तनों को साफ कर के बैंक को 24 घंटों के भीतर वापस करने होंगे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलपुरा स्थित गोशाला में एक और शेड का निर्माण करा दिया है। करीब 500 गोवंश इसके नीचे आराम से बैठ सकते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को जनस्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की। सीईओ ने पौव्वारी में बन रही गोशाला का निर्माण भी तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही PET रजिस्ट्रेशन एप को भी जल्द तैयार कराने के निर्देश दिए।
ग्रेटर नोएडा के जलपुरा स्थित गोशाला में करीब 2500 गोवंश हैं। इनकी देखरेख प्राधिकरण कर रहा है। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने गोशाला में गोवंशों के छांव के लिए और शेड बनवाने के निर्देश दिए थे। अब यह शेड बन गया है। इस शेड के नीचे करीब 500 गोवंश बैठ सकते हैं। सीईओ ने गोशाला में गोवंशों के चारे का इंतजाम, इलाज आदि सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए।
पौव्वारी में बन रही गोशाला का 18 हजार वर्ग मीटर में स्थित इस गोशाला के बन जाने से 500 गोवंश रह सकेंगे। इसमें शेड, भूसाघर, चिकित्सक रूम, गार्ड रूम, कर्मचारियों के रूम, बाउंड्री वॉल आदि सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। नोएडा की तरह ग्रेटर नोएडा में भी पालतू जानवरों के पंजीकरण कराने की योजना है। सीईओ ने समीक्षा बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग को पेट रजिस्ट्रेशन एप भी जल्द तैयार कराने के निर्देश दिए।