- पल्ला में एक माह में शुरू हो जाएंगे विकास कार्य
- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निकाल दिया है टेंडर
- बरातघर, जिम, लाइब्रेरी व सीसी रोड का होगा निर्माण
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पल्ला गांव में विकास कार्य शीघ्र शुरू कराने जा रहा है। बरातघर, व्यायामशाला, लाइब्रेरी व सीसी रोड के निर्माण की मांग को पूरा करने के लिए प्राधिकरण टेंडर जारी कर चुका है। अगले एक माह में काम भी शुरू हो जाएगा। इसके बावजूद कुछ लोग अब भी डब्ल्यूटीपी पर धरने पर बैठे हुए हैं, जिसके चलते गंगाजल प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पा रहा। ग्रेटर नोएडा के आठ लाख निवासियों की गंगाजल की प्यास नहीं बुझ पा रही और दूसरे भूजल निकाल कर जलापूर्ति करनी पड़ रही है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडावासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने की परियोजना का 95 फीसदी पूरी हो चुका है। पल्ला गांव में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कुछ लोग विगत सात माह से धरना दे रहे हैं, जिससे कमिश्निंग का काम पूरा नहीं हो पा रहा। इस वजह से ग्रेटर नोएडावासियों को गंगाजल नहीं मिल पा रहा। बीते 17 जून को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर एसीईओ अदिति सिंह ने धरनारत लोगों से वार्ता की, जिसमें सहमति भी बन गई। प्राधिकरण पल्ला में बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण और पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का निर्माण शुरू कराने जा रहा है। प्राधिकरण के परियोजना ने भी टेंडर बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण कराने के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। 21 जुलाई को प्री बिड खुलेगी। कॉन्ट्रैक्टर का चयन कर शीघ्र निर्माण शुरू कराया जाएगा। इन कार्यों पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का टेंडर भी शीघ्र जारी होने जा रहा है। इसके बावजूद कुछ लोग अब भी धरना पर बैठे हुए हैं। इसके चलते परियोजना की कमिश्निंग का कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रेटर नोएडा के आठ लाख निवासी गंगाजल से वंचित हैं। ऐसे में पर्याप्त पुलिस बल के साथ काम शुरू कराने के अलावा कोई और विकल्प नहीं हैं, क्योंकि यह जनहित से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजना है।
ग्रेटर नोएडा के लिए बहुत अहम गंगाजल परियोजना
गंगाजल परियोजना अधूरी होने के चलते एक तरफ ग्रेटर नोएडा की 8 लाख आबादी मीठे पानी से वंचित है तो दूसरी ओर किसानों को भी नुकसान हो रहा है। मजबूरन प्राधिकरण भूजल निकालकर जलापूर्ति कर रहा है, जिससे भविष्य में भूजल का संकट अधिक होगा। साथ ही नमी भी नीचे खिसक रही है। इस वजह से मिट्टी की उपज क्षमता पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। इससे आने वाले दिनों में ग्रेटर नोएडा के शहरी क्षेत्र के निवासी हों या फिर देहात, सभी को परेशानी उठानी पड़ेगी।
सीईओ का बयान
गंगाजल परियोजना ग्रेटर नोएडा के सभी निवासियों के लिए बेहद अहम है। इससे ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों व गांवों में रहने वाले सभी लोगों को फायदा मिलेगा। किसानों के बच्चों का भविष्य भी इससे सुरक्षित होगा। किसानों से अपील है कि इस परियोजना को पूरी होने दें। अन्यथा मजबूरन पुलिस से मदद लेनी पड़ेगी।
सुरेन्द्र सिंह,सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व कमिश्नर मेरठ मंडल
गंगाजल परियोजना की महत्वपूर्ण तिथियों पर एक नजर
- 2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ एलान
- 2016 में गंगाजल ग्रेटर नोएडा तक पहुंचाने का पहला लक्ष्य
- 2017 से इस परियोजना के काम में आई तेजी
- फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
- जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी
- जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
- जून 2021 में सिंचाई विभाग से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
- जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
- अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
- दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल
- किसानों के विरोध के चलते दिसंबर से अब तक काम अटका