ग्रेटर नोएडा : पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर सहित नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्थमा के मरीजों का तो बुरा हाल है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते चिकित्सकों ने सुबह के वक्त बुजुर्गों और बच्चों को बाहर न जाने की सलाह दी है। एनजीटी के निर्देश हैं कि प्रदूषण कम करने के लिए सख्त कदम उठाये जा रहे हैं।
एनजीटी के आदेश पर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एक सप्ताह के लिए सभी तरह के निर्माण कायरे पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही अधिकारियों की कमेटियां बनाकर कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। यदि कहीं पर भी निर्माण कार्य होते पाया जाता हैतो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं प्राधिकरण नेमिटटी को उड़ने से दबाने के लिए एक विशेष प्रकार के केमिकल का भी छिड़काव करने का निर्णय लिया है। जिसका बृहस्पतिवार को एक कंपनी ने प्रजेटेंशन भी दिया। बहुत जल्द टेंडर जारी कर कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। इस केमिकल के छिड़काव से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिये हैं कि प्राधिकरण क्षेत्र में कहीं भी निर्माण कार्य न होने दिया जाए। उन्होंने जेवर एयरपोर्ट बनानी वाली कंपनी ज्यूरिक इंटरनेशनल एजी को भी पत्र लिखकर कहा कि ऐसे सभी निर्माण कार्य बंद करा दिये जाएं, जिनसे प्रदूषण फैलने की संभावना हो। डा. सिंह ने बताया कि जीएम प्रोजेक्ट केके सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनायी गयी है जो निर्माण कार्यकरतेपाये जाने पर दंडित करेगी।