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Noida supertech Twin Tower Test Blast:  नोएडा के सेक्टर-93-ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावरों को पूरी तरह से ध्वस्त करने से पहले आज एक टेस्ट ब्लास्ट किया जाएगा। सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावरों को गिराने के लिए कितनी मात्रा में विस्फोटक की आवश्यकता होगी, इसके परीक्षण के लिए आज दोपहर 2:30 बजे टेस्ट ब्लास्ट किया जायेगा।

बिल्डिंग के बेसमेंट और 14वीं मंजिल में विस्फोटक प्लांट होगा। इस प्रक्रिया के तहत 5 पिलर में टेस्ट ब्लास्ट किया जाएगा। यह टेस्ट ब्लास्ट एपेक्स टॉवर किया जाएगा, जिसमें 5 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल होगा।

इन टावर को गिराने का काम मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को दिया गया है जिसने साउथ अफ्रीका की कंपनी JET डेमोलाशन प्राइवेट लिमिटेड को अपना पार्टनर बनाया है।

प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि ट्रायल के लिए अपेक्स टावर के बी-1 पार्किंग एरिया के 5 पिलर और थर्ड फ्लोर के 1 पिलर में में होल किए गए है। जिसके अंदर बहुत ही कम मात्रा में एक्सप्लोसिव डाला जाएगा और ब्लास्ट के दौरान बहुत कम मात्रा में धूल उड़ सकती है। इस दौरान पटाखे जैसी आवाज आएगी। किसी भी आपात स्थिति के लिए परीक्षण विस्फोट के दौरान घटनास्थल पर एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौजूद रहेंगी

टेस्ट ब्लास्ट के दौरान एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के सामने वाली सड़क पर यातायात बंद रहेगा। एडिफिस इंजीनियरिंग ने एमराल्ड कोर्ट के निवासियों के लिए एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत विस्फोट के समय आधे घंटे के लिए आसपास के लोगों को घर के अंदर ही रहना होगा। अधिकारियों के मुताबिक, एमराल्ड कोर्ट परिसर में टावर संख्या 16 ‘सियान’ व टावर संख्या 17 ‘एपेक्स’ मौजूद हैं। टेस्ट ब्लास्ट ‘एपेक्स’ टावर में होना है।

नोएडा पुलिस ने ब्लास्ट के टेस्ट को देखते हुए रूट्स पर आवश्यकता के अनुसार डायवर्जन का प्लान बनाया है। कुछ रूट्स पर पाबंदी लगा रखी है। इसके तहत एटीएस तिराहा से गेझा फल/सब्जी मण्डी तिराहा तक मार्ग। आवश्यकता पड़ने पर प्रतिबन्धित किये जाने वाला रास्ता, एल्डिको चौक से सेक्टर 108 की ओर जाने वाला रास्ता, श्रमिक कुंज चौक सेक्टर 93 से सेक्टर 92 चौक तक का रास्ता और फरीदाबाद फ्लाई ओवर पर दोनो ओर के रास्ते बंद रहेंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को सेक्टर-93-ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावरों एपेक्स और सियान को गिराने का आदेश दिया था क्योंकि इमारत के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए इन्‍हें बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना की मंजूरी देने के लिए नोएडा प्राधिकरण को भी फटकार लगाई थी।