ग्रेटर नोएडा : अगर आपके यहां सी एंड डी वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट) निकले तो उसे कलेक्शन सेंटर भिजवा दें या फिर हेल्पलाइन नंबर (9315906083) पर कॉल करके नामित एजेंसी को सूचना दे दें। वह आपका सी एंड डी वेस्ट ले जाएगी। मित्रा ऐप के जरिए भी आप सी एंड डी वेस्ट की सूचना दे सकते हैं। लेकिन इधर-उधर न फेंकें। अन्यथा तगड़ा जुर्माना लगेगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की पहल पर ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट सेक्टर ईकोटेक थ्री में बन रहा है। यह इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर बन रहा है। सी एंड डी वेस्ट को यहां प्रोसेस किया जाएगा। इस वेस्ट से टाइल्स आदि बनेगी। इस मलबे से लोहे को अलग करके रीसाइकिल किया जाएगा, जबकि रेत का इस्तेमाल गड्ढों को भरने व रोड निर्माण में किया जाएगा। इस प्लांट की क्षमता 100 टन मलबा प्रतिदिन प्रोसेस करने का है। प्राधिकरण  के वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि सी एंड डी वेस्ट जनरेटरों को दो श्रेणी में रखा गया है।

एक श्रेणी में बल्क वेस्ट जनरेटर हैं। जिनके यहां 20 टन मलबा रोज या फिर 300 टन मलबा प्रति माह प्रति प्रोजेक्ट से निकल  रहा है। वे बल्क वेस्ट जनरेटरों की श्रेणी में आएंगे। इन लोगों को अपना सी एंड डी वेस्ट इकोटेक थ्री स्थित प्रोसेसिंग प्लांट ले जाना होगा या फिर राइज इलेवन के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके उठवा सकते हैं। दूसरी श्रेणी कम सी एंड डी वेस्ट उत्सर्जन करने वालों की है। ऐसे लोग भी सी एंड डी वेस्ट को उठवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं या फिर आठ जगहों पर बने कलेक्शन सेंटर पर भिजवा सकते हैं । सी एंड डी वेस्ट उठवाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मित्रा ऐप के जरिए भी सूचना दी जा सकती है। ये कलेक्शन सेंटर सेक्टर 10-12, सेक्टर एक, सिग्मा टू, अल्फा टू, बीटा वन, डेल्टा थ्री, नॉलेज पार्क थ्री व इकोटेक 12 में बने हैं। यहां से राइज इलेवन सी एंड डी वेस्ट को प्रोसेसिंग प्लांट ले जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने सी एंड डी वेस्ट को इधर-उधर फेंका तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। उनका कहना है कि यह कूड़े का कलेक्शन प्वाइंट तो है नहीं। इस सेंटर से किसी तरह की बदबू की शिकायत नहीं होगी, बल्कि निवासियों को अपने घरों का मलबा डालने में सहूलियत हो जाएगी।

सीईओ का बयान

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि 1991 में प्राधिकरण के बनने के लगभग 30 वर्ष बाद पहली बार सी एंड डी वेस्ट का प्रोसेसिंग प्लांट लग रहा है। प्राधिकरण सी एंड डी वेस्ट को उठवा कर प्लांट तक ले जाकर उसे प्रोसेस करवा रहा है। सीईओ ने ग्रेटर नोएडा को सी एंड डी वेस्ट से मुक्त करने और शहर को स्वच्छ रखने में सभी निवासियों से सहयोग करने का अनुरोध किया है।