Vending zones built in 4 sectors in Greater Noida

ग्रेटर नोएडा : अब पथ विक्रेताओं को सड़कों को किनारे इधर-उधर रेहड़ी लगाकर सामान नहीं बेचना पड़ेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर पहली बार पथ विक्रेताओं को जगह आवंटित कर दी गई है। प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा शर्मा की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को ड्रा के जरिए 98 पथ विक्रेताओं की जगह निर्धारित कर दी गई है। पथ विक्रेताओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब उन्हें किसी भी समय हटा दिए जाने का डर नहीं रहेगा। सेक्टरों में वेंडिंग जोन बन जाने से निवासियों को भी रोजमर्रा की जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा में 27 जगहों पर वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। इनमें से चार जगहों पर वेंडिंग जोन बनकर तैयार हो गए हैं। ये चार जगह अल्फा वन, बीटा वन व टू और सेक्टर-36 हैं। वेंडिंग जोन में प्लेटफॉर्म के साथ ही शेड भी बनाए गए हैं। बिजली-पानी, शौचालय आदि के भी इंतजाम हैं। इन क्योस्क की पांच कैटेगरी (क्योस्क ए व बी, स्टेश्नरी ए व बी और मोबाइल क्योस्क) बनाई गई है। वेंडिंग जोन में जगह पाने के लिए 772 वेंडर्स ने आवेदन किए थे, जिनमें से 619 पात्र पाए गए। इन 619 में से बृहस्पतिवार को ड्रा के जरिए 98 पात्रों को वेंडिंग जोन में जगह दे दिए गए हैं। इन पात्र पथ विक्रेताओं को भी वेंडिंग जोन बन जाने पर प्लेटफॉर्म दिए जाएंगे।

बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ऑडिटोरियम में पथ विक्रेताओं की मौजूदगी में ड्रा हुआ। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई। एक बॉक्स में पात्रों के नाम की पर्ची और दूसरे बॉक्स में प्लेटफॉर्म की पर्ची डाली गई। दो-दो आवेदकों को बुलाकर दोनों बॉक्स से पर्ची निकलवाई गई। सफल पथ विक्रेताओं के नाम घोषित किए गए। इस तरह इन चार वेंडिंग जोन में 98 पात्रों को जगह मिल गई है। ड्रा के समय एसीईओ प्रेरणा शर्मा के साथ जीएम वित्त विनोद कुमार और एसडीएम रजनीकांत भी मौजूद रहे। सेक्टर बीटा वन के वेडिंग जोन में जगह पाने वाले राजेश कुमार ने कहा कि रोजी रोटी कमाने का स्थायी ठिकाना मिल गया है।

सेक्टर बीटा वन में ही ठिकाना पाने वाले पथ विक्रेता सुबोध साव ने कहा कि अस्थायी जगह होने से अब तक डरे रहते थे कि पता नहीं कब हटा दिए जाएं। अब हमें  यह डर परेशान नहीं करेगा। सेक्टर अल्फा टू के वेंडिंग जोन में प्लेटफॉर्म पाने वाले महेंद्र सिंह भी बहुत खुश दिखे। उन्होंने स्थायी जगह दिलाने के लिए प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी व अन्य अधिकारियों के प्रति आभार जताया। इसी वेंडिंग जोन के एक अन्य पथ विक्रेता पीतम सिंह ने कहा कि अब अपने ठिकाने पर बैठकर सम्मान के साथ अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर सकेंगे। ड्रा की प्रक्रिया से सभी पथ विक्रेता संतुष्ट दिखे।

खुद ही दुकान लगाएं, किसी को बेच नहीं सकते

ड्रा के दौरान एसीईओ प्रेरणा शर्मा ने पथ विक्रेताओं को स्पष्ट किया कि ये प्लेटफॉर्म पथ विक्रेताओं को खुद की दुकान लगाने के लिए है। वे इसे किसी और को नहीं बेच सकते। हर माह सर्वे किया जाएगा। अगर किसी पथ विक्रेता के बारे में पता चला कि उसने किसी और को किराए पर दे दिया है तो जगह का आवंटन वापस ले लिया जाएगा। एसीईओ ने पथ विक्रेताओं से कहा है कि इन प्लेटफॉर्म के लिए तय शुल्क ही  जमा करने हैं। इससे इतर  कोई व्यक्ति पैसे मांगता है तो इसकी शिकायत तत्काल एसीईओ से ही करें। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जिन सेक्टरों में वेंडिंग जोन बनाकर दे दिए गए हैं, उन्हें ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए नो वेंडिंग जोन घोषित किया जाएगा। कोई भी पथ विक्रेता सड़क के किनारे रेहड़ी नहीं लगा सकेगा।

वेडिंग जोन में जगह के लिए निर्धारित दरें

कैटेगरी मासिक शुल्क   छमाही शुल्क   सालाना शुल्क  दिव्यांग व विधवा के लिए

क्योस्क ए         5500   33000           59400           2750

क्योस्क बी        3500   21000           37800           1750

स्टेश्नरी ए         3000   18000           32400           1500

स्टेश्नरी बी        2000   12000           21600           1000

मोबाइल          1500   9000             16200           750

नोट: ये दरें रुपये प्रति प्लेटफॉर्म हैं। दिव्यांगों व विधवाओं के लिए की ये दरें मासिक हैं।