IIT Baba Abhay Singh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। 144 वर्षों में एक बार आने वाले महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इन सबके बीच महाकुंभ में आए एक आईआईटी वाले बाबा (IITian Baba) की खूब चर्चा हो रही है। महाकुंभ में इन्हें लोग इंजीनियर बाबा भी कह रहे हैं।
IIT बाबा अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने बॉम्बे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT Bombay) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) की है। उसके बाद उन्होंने साइंस का रास्ता छोड़कर आध्यात्म का रास्ता अपना लिया। अब उन्हें आध्यात्म की जिंदगी में शांति मिलती है। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। अभय सिंह अपने आप को कोई भी साधु, संत या महंत नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी तक दीक्षित नहीं हुए हैं और वह अपने आपको किसी भी मत से जुड़ा हुआ भी नहीं मानते हैं।
असली नाम अभय सिंह, हरियाणा के मूल निवासी
संन्यासी इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है। उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है। उनका सब्जेक्ट एयरोस्पेस था।
पढ़ाई खत्म होने के बाद मिला था लाखों का पैकेज
मीडिया इंटरव्यू में अभय सिंह ने दावा किया कि बॉम्बे IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कैंपेस इंटरव्यू में बैठे थे। इसमें उनका सिलेक्शन हो गया था। उन्हें एक कंपनी से लाखों का पैकेज ऑफर हुआ था। उन्होंने कुछ दिन नौकरी की।
ट्रैवल फोटोग्राफी के लिए छोड़ दी नौकरी
अभय सिंह के मुताबिक, उन्हें स्कूल के दिनों से फोटोग्राफी का शौक था। खासतौर पर वो ट्रैवेल फोटोग्राफी एन्जॉय किया करते थे। वो इससे रिलेटेड कोई कोर्स करना चाहते थे। इसलिए एक दिन इंजीनियरिंग छोड़ दी। फिर ट्रैवल फोटोग्राफी का कोर्स किया। इसी दौरान जिंदगी को लेकर उनकी फिलॉसफी बदल गई। उन्होंने कुछ समय के लिए अपना एक कोचिंग सेंटर भी खोला। यहां फिजिक्स पढ़ाया करते थे। लेकिन, उनका मन नहीं लगता था। उनका मन आध्यात्म में लगने लगा था।
गर्लफ्रेंड थी मगर……
इंटरव्यू में इंजीनियर बाबा अभय सिंह ने अपनी लव लाइफ पर भी बात की है। उन्होंने कहा, ‘मेरी भी गर्लफ्रेंड हुईं। हम 4 साल के आसपास साथ रहे। लेकिन शादी तक बात नहीं पहुंची। मैं मां-बाप के झगड़ों को देखकर शादी करना ही नहीं चाहता था। क्योंकि जिंदगी में वही सब झगड़े होते। इसलिए सोचा क्या करना है। अच्छा है अकेले रहो और खुश रहो।
‘मैने गर्लफ्रेंड से रिश्ता तोड़ दिया’
अभय बताते हैं कि बालमन पर पड़े इस असर ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल डाली। वह कहते हैं इसी डर से उन्होंने शादी नहीं की। वह बताते हैं, ‘मुझे ऐसा लगता था कि ऐसे ही लड़ाई झगड़ा करना है तो इससे अच्छा है कि अकेले ही जियो। अभय बताते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड भी थी। लेकिन उन्हें पता ही नहीं था, कि इसको कैसे निभाया जाए। मैंने एक फिल्म बनाई और मेरी बचपन की सारी यादें फिर ताजा हो गईं। फिर मैंने वह रिश्ता खत्म कर दिया। मैं फीलिंगलेस हो गया था।’
इंजीनियरिंग से इतर पढ़ते थे फिलॉसफी
इंजीनियर बाबा ने बताया, “इंजीनियरिंग करते हुए मैं फिलॉसफी से कनेक्ट होने लगा। कोर्स से इतर जाकर मैं दर्शनशास्त्र की किताबें पढ़ता था। जिंदगी का मतलब समझने के लिए मैंने नवउत्तरावाद, सुकरात, प्लेटो के आर्टिकल और किताबें पढ़ ली थीं। फिर एक समय आध्यात्म का रास्ता चुन लिया।”
महादेव को समर्पित की पूरी जिंदगी
इंजीनियर बाबा ने अपनी पूरी जिंदगी भगवान शिवशंकर को समर्पित कर दी है। उन्होंने बताया, “अब आध्यात्म में मजा आ रहा है। मैं साइंस के जरिए आध्यात्म को समझ रहा हूं। इसकी गहराइयों में जा रहा हूं। सब कुछ शिव है। सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है।”
बताया कैसी लग रही आध्यात्म की जिंदगी
जब इंजीनियर बाबा से पूछा गया कि आध्यात्म की जिंदगी कैसी लग रही है? इसपर वह कहते हैं, “मैं अपनी जिंदगी के सबसे बेस्ट स्टेज पर हूं। अगर आप ज्ञान का पीछा करते हैं, तो आखिरकार यहीं पहुंचेंगे।”
शेयर किया महाकुंभ का एक्सपीरिएंस
महाकुंभ में आने को लेकर इंजीनियर बाबा ने कहा कि यहां आकर मन को शांति मिल रही है। संगम में डुबकी लगाकर वो मन की शांति की तलाश कर रहे हैं। इससे पहले वो कई धार्मिक शहरों में भी रह चुके हैं। आगे भी इस आध्यात्मिक सफर में आगे बढ़ना चाहते हैं।
इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स
इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स हैं। बाबा खुद 38 लोगों को फॉलो करते हैं। IITian बाबा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से अब तक 645 पोस्ट किए हैं। उनके ज्यादातर पोस्ट ध्यान, योग, सूत्र, कालचक्र से जुड़े हुए हैं। इंजीनियर बाबा ने अपनी एक किताब का लिंक भी इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है।
एक पोस्ट में अभय सिंह कहते हैं, “मां बाप भगवान नहीं हैं। बल्कि भगवान ही भगवान हैं। वैसे तो फिर सभी भगवान ही हैं।” एक और पोस्ट में वह लिखते हैं, “जिसे हम ईश्वर या विलक्षणता कहते हैं, अगर वह एकमात्र सत्य है और बाकी सब कुछ उसका अपवर्तक रूप है, तो आप खुद तय करिे कि मां बड़ी है या भगवान। मूल रूप से लोग मां के लिए भगवान शब्द का इस्तेमाल करते हैं। बिना यह जाने कि इसका क्या अर्थ है – अब यह देवी भी हो सकती है या विश्व माता भी हो सकती है, लेकिन मुद्दा यह है कि यह सत्य होना चाहिए। माया आधारित रचनाओं की उससे तुलना करना जो इन सबके लिए जिम्मेदार है, बिल्कुल बेवकूफी है।”
अभय सिंह एक और वीडियो पोस्ट में आंखों पर बात करते हैं। वह कहते हैं, “आपकी आंखें एक यंत्र हैं, जिनसे आप एक विशिष्ट तरीके से ऊर्जा और शक्ति को बनते या बिगड़ते देख सकते हैं। क्या देखना है।।। ये आपपर निर्भर करता है।”
शक्ति के लिए बढ़ाए नाखून
इससे पहले इंजीनियर बाबा 4 महीने काशी यानी वाराणसी में भी रह चुके हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में भी रह चुके हैं। इंजीनियर बाबा ने अपनी शक्ति के लिए अपने नाखून और बाल बढ़ा लिए हैं। वह माथे पर भभूत लगाते हैं। गले में रुद्राक्ष पहनते हैं। उन्होंने कहा कि वह जेंटल हो जाएं, अवेयर हो जाएं इसके लिए उन्होंने अपने नाखून बढ़ाए हैं।